मेहुल चोकसी ने बेल्जियम कोर्ट में दायर की नई याचिका, गिरफ्तारी को बताया अवैध और अन्यायपूर्ण
-प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन और मौलिक अधिकारों के हनन का आरोप
ब्रुसेल्स, 29 अप्रैल । पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपित और भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने बेल्जियम की अपीलीय अदालत में एक नई याचिका दायर की है, जिसमें उसने अपनी गिरफ्तारी को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन और प्रक्रियागत अनियमितताओं के आधार पर चुनौती दी है। अदालत ने इस मामले में फिलहाल सुनवाई स्थगित कर दी है।
चोकसी की ओर से यह याचिका उनके अधिवक्ता विजय अग्रवाल द्वारा तैयार की गई है और बेल्जियम में नियुक्त उनकी कानूनी टीम ने इसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया। याचिका में दावा किया गया है कि भारतीय प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद उसकी गिरफ्तारी के दौरान बेल्जियम अधिकारियों ने निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया और उसे मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया।
अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मेरे मुवक्किल के साथ न्यायिक प्रक्रिया में न केवल लापरवाही बरती गई, बल्कि उसे उसके मौलिक अधिकारों से भी वंचित किया गया। यह गिरफ्तारी प्राकृतिक न्याय के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है।”
चोकसी ने याचिका में यह भी मांग की है कि उसे तत्काल रिहा किया जाए क्योंकि उसकी गिरफ्तारी गैर-कानूनी और असंवैधानिक थी। यह नई अपील तब दायर की गई है जब कुछ ही दिन पहले बेल्जियम की एक अदालत ने 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उस समय अदालत ने तीन जजों की पीठ के सामने डच भाषा में दलीलें सुनी थीं।
उल्लेखनीय है कि बेल्जियम में इसी माह की शुरुआत में मेहुल चोकसी को भारतीय अधिकारियों के आधिकारिक प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद गिरफ्तार किया गया था। अदालत की अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।