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रक्षा राज्य मंत्री सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा पत्र

रांची, 22 जुलाई । सिंगल यूज प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग और प्राकृतिक आवरण पर पड़ रहे इसे विपरीत प्रभाव को लेकर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने गंभीर चिंता जताई है। पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थलों और जलाशयों के आसपास इसके उपयोग पर रोक लगाने को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है।

सेठ ने अपने पत्र में कहा कि प्राकृतिक आवरण और सौंदर्य से भरपूर झारखंड में कई पर्यटन और धार्मिक स्थल हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं। झारखंड चूंकि जंगल और प्रकृति के सौंदर्य उपहारों से भरा-पूरा है, ऐसे में इसका संरक्षण भी हम सबकी जिम्मेदारी है। वर्तमान समय में प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा बनकर उभरा है। विशेष रूप से पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थानों पर फेंकी जाने वाली सिंगल यूज प्लास्टिक की बोतलें और प्लास्टिक बड़ा खतरा बन रहे हैं। यह सिर्फ मानवीय जीवन के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी और जलीय जंतुओं के लिए जलाशयों में प्लास्टिक फेंका जाना, पर्यावरण के साथ-साथ जैव जगत के लिए भी बड़ा खतरा है।

उन्होंने कहा कि झारखंड के बड़े जलप्रपात, नदियां, तालाब, बड़े जलाशय में आज भी प्लास्टिक के कचरो का ढेर दिखता है जो हमें आने वाले भविष्य के खतरों से आगाह कर रहा है। कई समाचार माध्यमों में यह समाचार आ रहे हैं कि रांची सहित पूरे झारखंड के जलाशय और प्राकृतिक आवरण विदेशी पक्षियों व जंतुओं के भी आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। ऐसे में हमारी चिंता और जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। उन्होंने पत्र में कहा है कि हम झारखंड के लोग प्रकृति से अगाध प्रेम करते हैं। इसलिए प्रकृति का संरक्षण हम सबके जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। झारखंड के पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल और जलाशय सिंगल यूज प्लास्टिक की बोतलों और ऐसे सिंगल यूज प्लास्टिक से बच सकें, इस दिशा में सरकार को कठोर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है; ताकि हम आने वाली पीढियां को बेहतर प्राकृतिक आवरण दे सकें।

उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव देते हुए कहा है कि अपने सुखद और बेहतर भविष्य के लिए वर्तमान में ऐसे सभी पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल और जलाशयों के आसपास सिंगल यूज प्लास्टिक की बोतलों और सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाए और इसका अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाए।

इस मामले में हम सामाजिक कार्यकर्ताओं, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रही संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक बेहतर कार्य योजना तैयार कर सकते हैं।

सेठ ने कहा कि अधिक से अधिक आम जनता को, पर्यटकों को, धार्मिक स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं को जागरूक भी कर सकते हैं। उन्होंने अनुरोध किया है कि इस दिशा में राज्य सरकार त्वरित और सकारात्मक कदम उठाए ताकि हमारे पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल और जलाशय प्लास्टिक के खतरे से सुरक्षित रह सकें।

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