HindiNationalNewsPolitics

मोदी वंशवादी राजनीति के बारे में बात करने को मजबूर : उमर

श्रीनगर 14 सितंबर : नेशनल कांफ्रेंस (नेकां)उपाध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास कहने के लिए और कुछ नहीं बचा है इसलिए वह ‘वंशवादी राजनीति’ के बारे में बात करने के लिए मजबूर हैं।

श्री अब्दुल्ला ने दक्षिणी कश्मीर में संवाददाताओं से कहा, “अंतिम निर्णय जनता करेगी, जब वे विधानसभा चुनाव में मतदान करने के लिए बाहर आयेंगे। आइए देखें कि प्रधानमंत्री के शब्दों से लोग कितना प्रभावित होते हैं।” उन्होंने कहा, “उनके पास कहने के लिए क्या और कुछ बचा है? उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कुछ भी नहीं किया है। कोई नयी परियोजना नहीं आयी है। आज जो भी परियोजनाएं चल रही हैं, वे पिछली सरकारों की वजह से है। हमें इस सरकार से कुछ भी नया नहीं मिला, खास तौर पर पिछले पांच सालों में। यही वजह है कि प्रधानमंत्री साहब तीन परिवारों के बारे में बात करने को मजबूर हैं। अंतिम फैसला जनता करेगी।”

गौरतलब है कि श्री मोदी ने आज जम्मू के डोडा जिले में अपनी पहली रैली में तीन वंशों- अब्दुल्ला, मुफ्ती और गांधी- पर कश्मीर को नष्ट करने का आरोप लगाया।

दक्षिणी कश्मीर में एक अन्य कार्यक्रम में श्री अब्दुल्ला ने कहा, “भाजपा को जब इन परिवारों (अब्दुल्ला और मुफ्ती) से मदद की जरुरत थी, तब वे जम्मू-कश्मीर के विनाश के लिए जिम्मेदार नहीं थे। भाजपा को जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन करते हुए पांच-छह साल नहीं हुए हैं। उन्हें (भाजपा को) पीडीपी में कोई बुराई नजर नहीं आयी। जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी साहब को अपनी सरकार में एक मंत्री शामिल करना था, तो उन्होंने मुझे चुना और तब हममें कुछ भी गलत नहीं था। भाजपा को केवल चुनावों में ही खामियां नजर आती हैं।”

श्री अब्दुल्ला ने कहा, “मेरा विश्वास करें, अगर कल भाजपा को सीटें कम मिलती हैं और पीडीपी फिर से उनकी मदद करने का फैसला करती है, तो उन्हें फिर से पीडीपी में कुछ भी गलत नहीं मिलेगा। यह सब समय की बात है।” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री लोगों को मुद्दों से भटकाने के लिए परिवारवाद की बात करते हैं। अभी 24 घंटे भी नहीं हुए हैं। किश्तवाड़ इलाके में आतंकवादियों के हाथों एक सैन्य अधिकारी और एक जवान शहीद हो गए। आज उत्तरी कश्मीर में मुठभेड़ जारी है। शायद जम्मू में कोई ऐसा इलाका नहीं है, जहां आतंकवाद का प्रभाव न दिखता हो। चाहे चिनाब घाटी हो, पीर पंजाल हो, उधमपुर हो, रियासी हो, सांबा हो, जम्मू हो या कठुआ हो, जहां भी देखो, आतंकवाद का प्रभाव दिखता है। प्रधानमंत्री बहुत कुछ कह सकते हैं, लेकिन वे यह नहीं कह सकते कि उनकी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने में कोई खास सफलता हासिल की है।

नेशनल कांफ्रेंस नेता ने कहा कि उन्हें केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार से कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि आजादी के बाद पहली बार दिल्ली में बिना किसी मुस्लिम प्रतिनिधित्व के सरकार बनी है। भाजपा के इन लोगों में इतनी हिम्मत कैसे हो गयी कि वे यहां आकर वोट मांग रहे हैं? उन्हें पहले इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनाने के लिए एक भी योग्य मुस्लिम क्यों नहीं मिला। वे यहां लोगों को धोखा देने आये हैं और उन्हें झूठे आश्वासन दे रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि भगवान की इच्छा से नतीजे सामने आयेंगे और भाजपा यहां से असफल होकर वापस जायेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *