मोदी सरकार ने दिल्ली के काम रोकने के लिए अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा : आप
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नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी(आप) ने शनिवार को कहा कि दिल्लीवालों के काम रोकने के लिए ही मोदी सरकार ने अफसरों के तबादले और तैनाती को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश लाकर पलट दिया।
‘आप’के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को लेकर आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अरविंद केजरीवाल देश के लोकप्रिय नेता हैं और दिल्ली की जनता ने उन्हें तीन बार चुना है। जनता ने उनको 90 प्रतिशत से अधिक सीटें देकर चुना।श्री केजरीवाल से केंद्र की मोदी सरकार बहुत भयभीत है और उसका एक ही मकसद है कि किसी भी हालत में ‘आप’ की सरकार को चलने नहीं देना है और जनता के हितों में काम नहीं करने देना है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की जिम्मेदारी होगी क्योंकि दिल्ली की दो करोड़ जनता के प्रति चुनी हुई सरकार की जवाबदेही है। मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ के फैसले को एक सप्ताह के अंदर ही अध्यादेश लाकर पलट दिया। मोदी सरकार का यह तुगलकी अध्यादेश है, जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा,“ अब यह सवाल केवल अरविंद केजरीवाल या आम आदमी पार्टी का नहीं है, बल्कि यह भारत के महान लोकतंत्र का है। यह सवाल बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के लिखे गए संविधान का है कि अब वह बचेगा या नहीं।”
राज्यसभा सांसद ने कहा,‘‘ कोई भी अध्यादेश संविधान के दायरे में होना चाहिए, संविधान से बाहर जाकर नहीं लाया जा सकता। हमारा संविधान संघीय ढांचे की बात करता है और चुनी हुई सरकारों को अधिकार देने की बात करता है। ऐसे में संविधान के बाहर जाकर कोई अध्यादेश कैसे लाया जा सकता है। इस बात को पूरा देश देख रहा है।”