मुर्मु ने भारत मलावी संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की
नयी दिल्ली 18 अक्टूबर : मलावी की यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने स्टेट हाउस में मलावी के राष्ट्रपति डॉ. लाजर मैक्कार्थी चकवेरा से मुलाक़ात की और दोनों नेताओं ने भारत-मलावी संबंधों को और मज़बूत बनाने के लिए कई मुद्दों पर सार्थक चर्चा की।
राष्ट्रपति की मौजूदगी में दोनों देशों के अधिकारियों ने कला और संस्कृति, युवा मामले, खेल और फार्मास्युटिकल सहयोग पर समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। वह भारत की ओर से मलावी को मानवीय सहायता के रूप में 1000 टन चावल सौंपे जाने और मलावी को भाभाट्रॉन कैंसर उपचार मशीन सौंपे जाने की गवाह भी बनीं। उन्होंने मलावी में एक स्थायी कृत्रिम अंग फिटमेंट सेंटर (जयपुर फुट) की स्थापना में भारत सरकार के समर्थन की घोषणा की। इससे पहले आज सुबह, राष्ट्रपति ने लिलोंग्वे में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा किया और प्रथम तथा द्वितीय विश्व युद्ध और अन्य सैन्य अभियानों के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों और नागरिकों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने मलावी के पहले राष्ट्रपति डॉ. हेस्टिंग्स कामुज़ु बांदा के विश्राम स्थल – कामुज़ु समाधि पर भी पुष्पांजलि अर्पित की। गुरुवार शाम राष्ट्रपति ने मलावी में भारत के उच्चायुक्त द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह में मलावी में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया।
राष्ट्रपति ने कहा, “भारत आपसी विश्वास, समानता और पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों के आधार पर अफ्रीका के साथ अपनी साझेदारी को महत्व देता है। हमारे सहयोग के मुख्य स्तंभ विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण, व्यापार और आर्थिक सहयोग, रक्षा और सुरक्षा और लोगों से लोगों के बीच संपर्क हैं। प्रत्येक स्तंभ भारत-अफ्रीका संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि भारत ने अफ़्रीकी संघ को जी 20 संगठन का स्थायी सदस्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । ग्लोबल साउथ के एक अग्रणी सदस्य के रूप में, भारत ग्लोबल साउथ के देशों के साथ अपने अनुभव और क्षमताओं को साझा करना जारी रखेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे प्रवासी भारत की परिवर्तनकारी यात्रा का एक अभिन्न अंग हैं। उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों से इस यात्रा में शामिल होने और भारत के विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। राष्ट्रपति मुर्मु रविवार को लिलोंग्वे में श्री राधा कृष्ण मंदिर में आरती और पूजा करेंगी और साथ ही अल्जीरिया, मॉरिटानिया तथा मलावी की तीन देशों की राजकीय यात्रा के पूरा होने पर नयी दिल्ली रवाना होने से पहले मलावी झील का दौरा करेंगी।