National : मीडिया,मनोरंजन उद्योग से स्व-नियमन व्यवस्था अपनाए : गोयल
नयी दिल्ली,17 नवंबर: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को मीडिया और मनोरंजन उद्योग से अपनी विषय-सामग्री के संबंध में स्वयं के अंदर से कोई न कोई ठोस नियमन व्यवस्था विकसित करने का आह्वान किया।
श्री गोयल ने गुरुवार को यहां उद्योगमंडल सीआईआई द्वारा आयोजित 11वें बिग पिक्चर सम्मेलन के समापन सत्र में कहा
“एक तरफ हम अपनी संस्कृति, अपनी विरासत, अपनी समृद्ध परंपरा, अपनी पारिवारिक मूल्य प्रणाली के बारे में बात करते हैं और दूसरी तरफ हम टेलीविजन और ओटीटी प्लेटफार्मों पर जो कुछ देखते हैं वह निश्चित रूप से भारतीय सांस्कृतिक परिदृश्य के भीतर आम तौर पर स्वीकृत मानकों से परे है। ” उन्होंने आगाह किया कि यदि उद्योग स्व-विनियमन नहीं करता है, तो समाज से एक कोलाहल होगा और सरकार को तब विनियमन करना होगा।
उन्होंने कहा कि सामग्री की प्रस्तुति का आधुनिक, आकर्षक और मनोरंजक तरीका बहुत स्वागत योग्य है लेकिन भारत, भारतीय परिवारों और भारतीय संस्कृति की प्रस्तुति में एक निश्चित स्तर की शालीनता एक ऐसी चीज है जिस पर उद्योग के कप्तानों को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों में संदेश को भारतीय वास्तविकता से अलग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उद्योग स्व-विनियमन नहीं करता है, तो समाज से एक कोलाहल होगा और सरकार को तब विनियमन करना होगा।
मंत्री ने उद्योग से यह भी कहा कि वह गेमिंग जैसे नए मनोरंजन के अवसरों पर ध्यान से आत्मनिरीक्षण करे ताकि यह तय किया जा सके कि हम अपने युवाओं को सट्टेबाजी के प्लेटफार्मों और ऐसे अन्य क्षेत्रों में किस स्तर पर जाने की अनुमति देने के इच्छुक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन नए मनोरंजन मॉडलों को हमारी संस्कृति पर प्रतिकूल प्रभाव न डालने देने के लिए यहां एक संतुलन बनाया जाना चाहिए।
श्री गोयल ने कहा कि मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र ने भारत के लिए एक उल्लेखनीय अवसर प्रस्तुत किया है, लेकिन इस अवसर का फायदा तभी हो सकता है जब पूरा उद्योग और इसके सभी खंड और हितधारक एक साथ मिलकर विचार करें और तालमेल से काम करेंगे।
मनोहर अशोक
वार्ता