National : भारत का पहला शाकाहारी संस्थान अफ्रीका पहुंचा
नयी दिल्ली, 06 सितंबर : संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अफ्रीकी बाजार के लिए सात्विक सर्टिफिकेशन योजना की शुरुआत के अवसर पर मंगलवार को यहां कहा कि इसकी शुरुआत बहुत तकनीकी और चुनौतीपूर्ण है।
श्री मेघवाल ने कहा कि सात्विक, तामसी और राजसी ये तीन गुण प्रत्येक व्यक्ति में हमेशा रहते हैं। उन्होंने कहा कि जैन मंदिर, गुरुद्वारे में सात्विक भोजन का प्रचलन है क्योंकि उन्होंने अपनी मन को नियंत्रित कर लिया है। जब ऐसी सोच वाले लोग ज्यादा होंगे तो लोगों के मन एवं जीवन में सात्विकता आ ही जाएगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने इस मौके पर कहा,“ दक्षिण अफ्रीका में इस योजना की पहल सराहनीय और गौरवान्वित करने वाली है। इस योजना की शुरुआत से ही सात्विक भोजन करने वाले उपभोक्ताओं के बढ़ने की संभावना है। सभी लोग इस दिशा में एकसाथ मिलकर काम करें। अब भारत के लोग ही नहीं विदेश के लोग भी सात्विक भोजन की आवश्कता को समझने लगे हैं। हम जैसा खाएंगे वैसा ही परोसेंगे, इसलिए सभी को जागरुक होना जरूरी है। दुनिया में करीब 90 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं। हम इसको रोक नहीं सकते हैं लेकिन यह इस पर जरूर निर्भर करता है कि हम कैसे वातावरण में रहते हैं। ”
सात्विक परिषद के अध्यक्ष वगीष पाठक ने इस अवसर पर कहा, “सभी क्षेत्रों में एसओपी के निर्माण द्वारा भारत एवं अफ्रीकी बाज़ार के शाकाहारी उपभोक्ताओं के लिए ‘शाकाहारी माहौल’ बनाना सात्विक योजना का मुख्य उद्देश्य है, जिसमें सौ फीसदी शाकाहारी माहौल बनाने की क्षमता है। ”
परिषद के संस्थापक अभिषेक बिस्वास ने कहा, “ सात्विक सर्टिफिकेशन योजना’ को खाद्य निर्माताओं, होटलों, भोजन से संबंधित कारोबारियों को कवर करते हुए शाकाहारी उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इसकी शुरुआत की गई है, जिसमें इन संगठनों का मूल्यांकन कर आवश्यकताओं के अनुसार इन्हें प्रमाणित किया जा सकेगा।”
सात्विक सर्टिफिकेशन साउथ अफ्रीका (प्रा.) लिमिटेड, को सात्विक काउन्सिल ऑफ इंडिया का लाइसेंस प्राप्त है। इसने डीएनवी बिज़नेस इंश्योरेन्स साउथ अफ्रीका (प्रा.) लिमिटेड के साथ साझेदारी में आज नयी दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में अफ्रीकी बाज़ार के लिए ‘सात्विक सर्टिफिकेशन योजना’ की शुरुआत की।
श्रद्धा.श्रवण
वार्ता