National : कर्म कर,कष्ट सह कर ही देश परम वैभव को प्राप्त करेगा : भागवत
बक्सर 08 नवंबर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि हम सभी को अपने लक्ष्य हेतु कर्म करना पड़ेगा व कष्ट सहना पड़ेगा तब जाकर राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त करेगा।
डा. भागवत ने यहां अहिरौली स्थित माता अहिल्या धाम में आयोजित सनातन संस्कृति समागम के दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय संत सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। उन्होंने जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी, जगत गुरु लक्ष्मीप्रपन्ना जीयर स्वामी, जगत गुरु स्वामी अंताचार्य तथा केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
मुख्य अतिथि डा. भागवत ने अपने संबोधन में कहा की संत दूसरे के लिए कार्य करते है उनके मन में अपने लिए कुछ भी नही रहता है। इसीलिए संतो की इच्छा और वाणी का सम्मान ईश्वर भी रखते हैं।
उन्होंने कहा कि इच्छा पूर्ण करने के लिए कर्म करना पड़ता है तथा पुरुषार्थ करना पड़ता है। त्याग करना पड़ता है। श्री राम ने अपने जीवन में ये सभी कार्य किए हैं। वह चाहते तो एक क्षण में रावण की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे, मगर समाज को संदेश देने के उद्देश्य से श्री राम ने अपने सभी सुखों का त्याग किया। सभी लोगों को आगे करने का कार्य किया उनके साथ सभी को कर्म करना पड़ा। कष्ट सहना पड़ा तब जाकर इस धरती को रावण जैसे कई दुष्टो से मुक्ति मिली। हम सभी को अपने लक्ष्य हेतु कर्म करना पड़ेगा, कष्ट सहना पड़ेगा तब जाकर राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त करेगा।
संत रामभद्राचार्य जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि बक्सरवासियो अब याचना नही रण होगा, संग्राम बड़ा भीषण होगा। राष्ट्रीय समस्याओं पर सभी संतो का एक मत होना चाहिए । कुछ लोग धर्म परिवर्तन करा रहे हैं, हमें अब परावर्तन करने का कार्य करना चाहिए।
संत ज्ञानानन्द महाराज ने कहा की राम समरसता सद्भावना सहयोग और समर्पण के प्रतीक है। उन्होंने निषादराज केवट को भ्राता कहा तो सवरी को माता आज पूरे मानवता के कल्याण के लिए केवल एक ही शब्द है राम। श्री राम आचरण ही हम सभी के कल्याण का आधार है।
स्वामी चिंदानद सरस्वती ने कहा की आज हमें बाहर और भीतर के पर्यावरण को बचाने हेतु अधिक से अधिक पेड़ लगानी चाहिए। आज मैं आप सभी से धरती को बचाने का आग्रह करता हूं।
जूनागढ़ आखाड़ा के स्वामी जी महाराज ने कहा कि कैंसर की बीमारी को खत्म करने के लिए अपरेशन करनी पड़ती है उसके बाद भी कुछ टिसू बच जाते हैं जिन्हें कीमोथिरेपी करके मारा जाता है। उसी प्रकार देश की कई समस्याओं का आपरेशन तो किया गया मगर कीमोथिरेपी नहीं की गई उसके बाद बार बार कैंसर रूपी समस्या देश के सामने आ रही है उन्होंने खत्म करने के लिए अब आवश्यकता है कीमोथिरेपी की ।
श्री रामविलास वेदांता ने कहा की बक्सर की धारा पर सौ वर्षो तक भगवान विष्णु ने कई हजार तक ऋषि कश्यप और मां अदिति ने तपस्या किया था जब वामन भगवान का अवतार हुआ था इसी धरती पर महर्षि विश्वामित्र के सानिध्य में श्री राम को कई शक्तियां प्राप्त हुई तब जाकर प्रभु श्री राम ने भगवान के शिव के धनुष को खंडित कर माता सीता को प्राप्त किया।
जगत गुरु अनंताचार्य ने कहा की श्री राम का जन्म भले ही अयोध्या में हुआ हो मगर उन्हें धरा पर लाने के श्रेय बिहार के सृंगी ऋषि को जाता है। भारत भूमि का वैभव वापस लाने के लिए राम राज की स्थापना जरूरी है और राम राज के लिए भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना होगा अगर बक्सर आज प्रतिज्ञा कर ले तो पूरे विश्व में शांति की स्थापना हो जायेगा। ऐसा बक्सर में महर्षि विश्वामित्र के नेतृत्व में पूर्व में तड़का मारीच सुबाहु का अंत कर विश्व में शांति स्थापना किया था
मंच का संचालन जगत गुरु रामानुजाचार्य लक्ष्मी प्रपन्ना जियर स्वामी के द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा आर एन सिंह ने किया।
कार्यक्रम में सांसद सुशील सिंह, सांसद राम कृपाल यादव, सांसद नीरज शेखर, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश उपेंद्र तिवारी, पूर्व विधायक व परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील बराला राजेश्वर राज, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू कृष्णानंद शास्त्री तथा अन्य लोग शामिल थे।
सं.संजय
वार्ता