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अमेरिका-चीन के संबंधों में जल्द सुधार की आवश्यकता : बाईडेन

टोक्यो 21 मई : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जापान के हिरोशिमा में शनिवार को जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के साथ क्वाड नेताओं की बैठक में हिस्सा लिया।
यह जानकारी बीबीसी ने रविवार को दी।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आज कहा कि अमेरिका ने इस वर्ष चीन के एक संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था जिसके बाद वाशिंगटन और बीजिंग के बीच संबंधों में कड़वाहट आ गई है लेकिन इसमें बहुत जल्द ही सुधार करने की आवश्यकता है।
श्री बाइडन ने कहा कि नवंबर, 2022 में इंडोनेशिया के बाली द्वीप मे जी-20 शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति के साथ उनकी बातचीत के बाद के महीनों में दोनों देशों के बीच संबंध खराब हुए हैं।
गौरतलब है कि इस वर्ष फरवरी में अमेरिका ने कथित रूप से चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था जिसके बाद दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच राजनयिक विवाद उत्पन्न हो गया था।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की बीजिंग यात्रा को दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के अवसर के रूप में देखा जा रहा था लेकिन उनकी यात्रा को इस घटना के बाद रद्द कर दिया गया।
जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन के बाद आज एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान श्री बाइडन से सवाल किया गया था कि अमेरिका एवं चीन के बीच एक नियोजित हॉटलाइन क्यों नहीं काम कर रही है।
इसपर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,“आपकी बात सही हैं कि हमारे पास एक खुली हॉटलाइन होनी चाहिए। बाली सम्मेलन में राष्ट्रपति शी और मैं इस बात पर सहमत हुए थे कि हम ऐसा करने जा रहे हैं और मिलेंगे, लेकिन दुर्भाग्यवश उसके बाद मूर्खतापूर्ण जासूसी गुब्बारा जैसी दुर्घटनाएं हो गई।”
उन्होंने कहा कि हालांकि इसे मार गिराया गया लेकिन आपसी बातचीत वाली रणनीति में बदलाव आ गया लेकिन मुझे लगता है कि यह बहुत जल्द पिघलना शुरू हो जाएगा।
हालांकि राष्ट्रपति बाइडेन ने रविवार को उन कार्रवाइयों का बचाव किया, जिसके एक दिन बाद जी-7 की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने चीन को उनकी ‘सैन्यीकरण गतिविधियों’ पर चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि हमें अब अपने सभी सहयोगियों ने आश्वस्त किया है कि वे ऐसा नहीं करने जा रहे हैं।
श्री बाइडेन ने कहा कि यह कोई शत्रुतापूर्ण कार्य नहीं है, बल्कि हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि हम यथास्थिति बनाए रखने के लिए सब कुछ करने में सक्षम बनें।
अभय.संजय
वार्ता

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