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नीतीश बतायें कि उनके 19 वर्षों के शासनकाल में किसानों के लिए क्या – क्या किया गया : राजद

पटना 30 नवम्बर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजद शासनकाल में कुछ नही किए जाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज कहा कि श्री कुमार केवल यही बता दें कि उनके 19 वर्षों के शासनकाल में किसानों के लिए क्या-क्या किया गया।
श्री गगन ने कहा कि मुख्यमंत्री को एक जुमला रटा दिया गया है उसे ही वे हर कार्यक्रमों में दोहराते रहते हैं। उन्हें पदाधिकारी जो बता देते हैं उसे हीं वे सही मान लेते हैं। कभी बगैर किसी को बताए और बगैर लाव-लश्कर के गांवों में जाएं तो उनको जमीनी हकीकत की जानकारी मिल जाएगी कि उनके राज-पाट में किसानों की क्या दुर्दशा है। आज जिनके पास कोई विकल्प नहीं है वे हीं खेती करने को मजबूर हैं। उन्हें अपने बच्चों की पढ़ाई और परिजनों की दवाई के लिए खेत बेचना पड़ता है। सरकार की सारी योजनाओं का लाभ बिचौलियों के पास चला जाता है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार में अबतक केवल ‘ कृषि रोड मैप ‘ हीं बनता रहा जिसे भव्य आयोजनों के द्वारा सरकार की उपलब्धि बताया जाता रहा पर किसानों को उससे कितना लाभ हुआ यह कभी नहीं बताया गया। यदि कुछ उपलब्धि होगा भी तो वह सरकार के फाइलों में हीं होगा। वास्तविक स्थिति तो यह है कि कृषि के लिए बजट में आवंटित राशि भी समय पर खर्च करने में सरकार विफल रही है। राजद शासनकाल में जहां कृषि यंत्रों पर 90 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता था । एनडीए सरकार में कृषि यंत्रों पर दिया जाने वाला अनुदान की राशि कम कर दी गई। कई कृषि यंत्रों पर तो अनुदान देना भी बंद कर दिया गया। कुछ कृषि यंत्रों पर जो अनुदान दिया भी जाता है वह बिचौलियों के पास चला जाता है। यही स्थिति बीज की है, समय पर किसानों को बीज नहीं मिल पाता है। जब किसान अपनी फसल बाजार में बेच देते हैं तब एम एस पी पर किसानों से अनाज खरीदने की प्रक्रिया शुरू होती है। समय पर खाद उपलब्ध नहीं होता है और ऊंचे दामों में खाद खरीदना पड़ता है। राजद शासनकाल में चल रहे बाजार समिति को बंद कर दिया गया जिससे किसानों को मजबूरी में अपने उत्पाद को बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ता है। आज तक कृषि कार्य के लिए अलग से बिजली लाइन नहीं लगाई गई।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राजद शासनकाल में जितनी भूमि में सिंचाई की व्यवस्था थी, आज भी वही है। उसमें एक इंच की भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। राजद शासनकाल में कृषि और पशुपालन से 90 प्रतिशत परिवारों का भरण-पोषण होता था अलाभकर खेती के कारण आज वह घटकर 70 प्रतिशत पर आ गया है। एनडीए सरकार में किसानों की संख्या तेजी से घटती जा रही है और उतनी ही तेजी से मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है जो दूसरे प्रदेशों में जाकर मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजद शासनकाल की आलोचना करने के बजाय सरकार अपनी उपलब्धियों को बताए।

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