हिन्द महासागर में हितों की रक्षा के लिए वायु और नौसेना में तालमेल जरुरी: जनरल चौहान
नयी दिल्ली 25 फरवरी : प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत की विशेष भौगोलिक स्थिति को रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण बताते हुए राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए वायु और नौसना की शक्ति के एकीकरण पर बल दिया है।
जनरल चौहान ने मंगलवार को सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के सहयोग से “ वायु और नौसेना बलों में समन्वय: हिंद महासागर क्षेत्र में लड़ाकू शक्ति को बढ़ाना” विषय पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में तैयारियों और सतर्कता की आवश्यकता का उल्लेख किया। दक्षिणी वायु कमान द्वारा आयोजित सेमिनार में उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की खास भौगोलिक स्थिति समुद्री क्षेत्र को रणनीतिक हित के लिहाज से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती है। संयुक्त बल योजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा तथा क्षेत्र में प्रतिरोध सुनिश्चित करने के लिए वायु और नौसेना की शक्ति का एकीकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रगति, रणनीतिक साझेदारी और संयुक्त परिचालन अभ्यास भारत की रक्षा स्थिति को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल एसपी धारकर ने क्षेत्र में उभरते खतरों से निपटने के लिए नौसेना और वायु सेना के बीच वास्तविक समय के आधार पर खुफिया जानकारी साझा करने और निर्बाध समन्वय के महत्व पर प्रकाश डाला।