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पदाधिकारी अपनी कार्य पद्वति से किसानों का भरोसा हासिल करें : बादल

– सभी जिला कृषि और सहकारिता पदाधिकारी हुए शामिल

रांची, 17 मई । राज्य के कृषि मंत्री बादल ने पदाधिकारियों से कहा कि किसानों के प्रति उनमें एक कमिटमेंट होना चाहिए। उनकी हर समस्या, आपकी समस्या प्रतीत हो और उस समस्या के समाधान के लिए आप संबंधित विभाग से समन्वय बनाकर काम करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो किसानों में आपके प्रति भरोसा बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राशि का आवंटन और खर्च कर देना ही हमारा काम नहीं है, बल्कि किसानों की समस्याओं को करीब से देखने की जरूरत है।

कृषि मंत्री बादल बुधवार को हेसाग स्थित पशुपालन भवन के सभागार में राज्यस्तरीय खरीफ सह मिलेट्स कर्मशाला में राज्य के सभी जिला कृषि पदाधिकारी और जिला सहकारिता पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारियों को ऐसे जिलों से सीखने की जरूरत है, जिस जिले में उत्कृष्ट तरीके से योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है।

उन्होंने कहा कि हम राज्य के किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन हम किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में क्यों पीछे हैं, इसपर काम करने की जरूरत है। आंकड़े कहते हैं कि हमारे राज्य के 80 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं लेकिन क्या हम 80 प्रतिशत किसानों को अपनी सभी योजनाओं से आच्छादित कर सके हैं? कभी मंथन कीजिएगा, तो आप पाएंगे कि आपको अभी भी बहुत काम करना है। किसानों को विभिन्न स्तर पर सभी योजनाओं का लाभ अगर नहीं मिलता है, तो पदाधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार करें।

राज्य में बड़े वाटर रिसोर्स की जरूरत

कृषि मंत्री बादल ने कहा कि राज्य की जीडीपी में 14 प्रतिशत कृषि की भागीदारी है, जिसे हम 20 प्रतिशत तक ले जाना चाहते हैं। इसमें बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान हमारे सहयोगी हैं लेकिन हम इस बात का आकलन अभी तक नहीं कर सके हैं कि गैर सिंचित भूमि के लिए हमें क्या काम करने की जरूरत है। चेकडैम, खदानों के पानी से सिंचाई की जा सकती है। बड़े वाटर रिजर्व वायर बनाकर हम आगे बढ़ सकते हैं लेकिन उसके लिए पदाधिकारियों को योजना बनाकर काम करना होगा। एश्योर्ड इरिगेशन एरिया को बढ़ाना होगा।

किसानों को सांगठनिक तौर पर करें मजबूत

बादल ने कहा कि किसानों के कल्याण के उद्देश्य से हमने चैंबर ऑफ फार्मर्स की परिकल्पना की थी, जिसमें अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष पद पर नए लोगों को बैठना था और अधिकारियों को उसमें सदस्य बनाने की बात थी लेकिन उसमें अब तक परिकल्पना के आधार पर सकारात्मक परिणाम नहीं मिले हैं। किसानों को प्रखंड स्तर पर व्यवस्थित कर कृषि के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। इसलिए सभी पदाधिकारी किसानों को सांगठनिक रूप से मजबूत बनाएं। 2019 से अब तक हमारे विभाग ने करीब 4500 करोड़ रुपये किसान कल्याण के लिए दिए हैं, जो अब तक का रिकॉर्ड है। अधिकारी डीएमएफटी फंड का इस्तेमाल करें और योजनाएं तैयार कर किसानों के कल्याण के लिए काम करें।

किसानों की आर्थिक समृद्धि ही विभाग का लक्ष्य : कृषि सचिव

कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि खरीफ और रबी दोनों ही फसलें काफी महत्वपूर्ण हैं लेकिन खरीफ अति महत्वपूर्ण है। राज्य में करीब 18 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसल होती है, जिसका ज्यादातर हिस्सा बारिश पर निर्भर है। खरीफ मौसम में पदाधिकारियों को ज्यादा सक्रिय रहने की जरूरत है। क्योंकि, खरीफ झारखंड के जीवन का आधार है।

साथ ही कहा कि तकनीक और पद्धति में बदलाव हो रहा है और मौसम भी लगातार बदल रहा है, तो आपको और हमें ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है। कृषि से जुड़ी अनेक योजनाएं हैं। हम बीज से लेकर खाद, उपकरण, लोन, केसीसी सब कुछ किसानों को दे रहे हैं, तो आपको भी आगे बढ़कर उन्हें क्रियान्वित करना होगा। इस तरह का वर्कशॉप जिलास्तर पर भी हो, जिसमें कृषि विभाग की छोटी से छोटी इकाई को शामिल किया जाए साथ ही प्रगतिशील किसानों को भी शामिल करें। किसानों की जरूरत के मुताबिक उन्हें योजनों के साथ जोड़ें।

हिन्दुस्थान समाचार

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