‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ भी भाजपा का जुमला: आप
नयी दिल्ली, 18 सितंबर : आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की ओर से लाए जा रहे ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के प्रस्ताव को जुमला करार देते हुए कहा कि जो चार राज्यों में एक साथ चुनाव नहीं करा पा रहे हैं, वह ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ कैसे करा पाएंगे?
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) एवं सांसद डॉ. संदीप पाठक ने संवाददाताओं से कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव भाजपा का एक और नया जुमला है। थोड़े दिन पहले चार राज्यों के चुनाव की घोषणा की जानी थी, लेकिन इन चार में से इन्होंने केवल हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का चुनाव कराया और झारखंड तथा महाराष्ट्र को छोड़ दिया। उन्होंने कहा, “ अगर भाजपा चार राज्यों में एक साथ चुनाव नहीं करा पा रही है, तो वह एक राष्ट्र एक चुनाव के तहत पूरे देश में एक साथ चुनाव कैसे कराएगी? हम मांग कर रहे हैं कि महाराष्ट्र और झारखंड के साथ दिल्ली का चुनाव भी करा दें, लेकिन वह इसमें भी सहमत नहीं हैं।”
डॉ. पाठक ने कहा कि एक बहुत बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किए बिना बीच में गिर जाए, तो क्या बाकी के कार्यकाल के लिए वहां राष्ट्रपति शासन लागू होगा? क्या भाजपा यह सोच रही है कि वह उपराज्यपाल/राज्यपाल के माध्यम से वहां अपनी मनमर्जी चलाएगी? भाजपा पहले से ही राज्यपाल या उपराज्यपाल के माध्यम से कई राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। क्या देश के राज्यों को एक-एक करके अस्थिर करने के लिए यह भाजपा की चाल है?
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह भाजपा का वैसा ही जुमला है, जैसा उसने किसानों के लिए कानून बिना उनकी रायशुमारी किए लाया था, बिना विशेषज्ञों की राय के नोटबंदी लागू की थी और कोरोना में लोगों से थाली बजवाई थी। इसी तरह यह भी भाजपा का एक नया जुमला है। इसका कुछ नहीं होने वाला।
आप नेता ने कहा कि भाजपा को केवल जुमलेबाजी करनी है। इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। देश में जब भी ऐसी बातें होती हैं, तो उन पर बड़े स्तर पर विचार-विमर्श होना चाहिए।