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“ऑपरेशन सिंदूर” मोदी सरकार की रणनीतिक दूरदृष्टि एवं अदम्य साहस का प्रमाण: बाबूलाल

रांची, 15 मई । भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं ने आम लोगों के साथ “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता के बाद सेना के मनोबल को बढ़ाने और उनके प्रति आभार प्रकट करने के लिए राजधानी रांची के बाद गुरुवार को राज्य के पांच प्रमुख शहरों में तिरंगा यात्रा निकाली। ये शहर जमशेदपुर, दुमका, धनबाद, मेदिनीनगर और हजारीबाग हैं।

हजारीबाग की तिरंगा यात्रा में कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार राय, जमशेदपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और रघुवर दास ,धनबाद में सांसद ढुल्लू महतो और विधायक राज सिन्हा, विधायक रागिनी सिंह, पलामू में सांसद वीडी राम, प्रदेश महामंत्री मनोज कुमार सिंह, विधायक आलोक चौरसिया, शशिभूषण मेहता, दुमका में पूर्व सांसद सुनील सोरेन सहित पार्टी के पदाधिकारी और हजारों की संख्या कार्यकर्ता शामिल हुए।

इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” मोदी सरकार की रणनीतिक दूरदृष्टि, राजनीतिक साहस और वैश्विक कूटनीति का प्रमाण है। यह वह पल था, जब भारत ने न केवल आतंक के खिलाफ निर्णायक जवाब दिया, बल्कि पाकिस्तान को सैन्य, कूटनीतिक और नैतिक रूप से पूरी तरह बेनकाब कर दिया। लेकिन इस ऐतिहासिक क्षण के पीछे एक लंबा संघर्ष और राजनीतिक जोखिम छिपा था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कांग्रेस की देशविरोधी राजनीति और अमेरिका की वैश्विक धमकियों को खुलेआम चुनौती दी।

मरांडी ने कहा कि जब कांग्रेस ने राफेल सौदे को रोकने के लिए देश को गुमराह किया, सुप्रीम कोर्ट तक मामला खींचा, और भ्रष्टाचार का झूठा शोर मचाया, तब मोदी जी ने चुनावी नुकसान का डर झेलते हुए भी देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी और राफेल डील पूरी की। उन्होंने कहा कि इसी तरह जब अमेरिका ने एस-400 मिसाइल सिस्टम को लेकर भारत को टेक्नोलॉजी प्रतिबंधों की धमकी दी, तो हमारे प्रधानमंत्री ने ट्रम्प की धमकियों को दरकिनार कर रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदे। आज वही राफेल और S-400 “ऑपरेशन सिंदूर” की रीढ़ बने।

उन्होंने कहा कि राफेल ने सर्जिकल प्रिसिशन से आतंकियों का खात्मा किया और एस-400 ने पाकिस्तान के सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों को सीमा पर ही ध्वस्त कर दिया। लेकिन मोदी की सरकार ने सिर्फ आयात पर भरोसा नहीं किया। उन्होंने आत्मनिर्भरता को भी ज़मीन पर उतारा। इज़रायली तकनीक को स्वदेशी कामिकाज़े ड्रोन्स में बदला गया, जो अब देश में ही बनते हैं और 1000 किमी तक उड़ान भर सकते हैं। इन्हें पहली बार ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किया गया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ये सब कुछ सिर्फ सैन्य शक्ति का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक दशक के अथक प्रयासों का परिणाम था, जिसमें उन्होंने 73 देशों की यात्राएं कर भारत की छवि को फिर से गढ़ा, पश्चिमी दुनिया की आंखों में आंख डालकर बात की और दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं के साथ अच्छे संबंध स्थापित किए। यही वजह थी कि इस बार पाकिस्तान को कोई वैश्विक समर्थन नहीं मिला, यहां तक कि कतर जैसे देश भी भारत के साथ खड़े दिखे।

उन्होंने कहा कि आज जब भारत $3.88 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था है और पाकिस्तान $0.37 ट्रिलियन पर पिछड़ रहा है, तो यह फर्क सिर्फ आंकड़ों का नहीं, नेतृत्व के विज़न का है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिद्ध किया कि एक नेता अगर राष्ट्रहित में डट जाए, तो न आंतरिक विपक्ष उसे रोक सकता है, न बाहरी दबाव। “ऑपरेशन सिंदूर “इस बात की घोषणा है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता, वह नियम तय करता है और इस नए भारत के शिल्पकार हमारे प्रधानमंत्री हैं।

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