दिल्ली सरकार के बजट पर विपक्ष ने उठाए सवाल, बताया झूठा और अवास्तविक
नई दिल्ली। दिल्ली की भाजपा सरकार ने 25 मार्च को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 1 लाख करोड़ का बजट पेश किया। इसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आम आदमी पार्टी और विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह बजट पूरी तरह से झूठे आंकड़ों पर आधारित है और इसमें कोई ठोस वित्तीय योजना नहीं है।
आम आदमी पार्टी की नेता वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि पहली बार इतिहास में किसी बजट के आंकड़ों को लेकर इतनी गलत जानकारी दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बजट को लेकर सिर्फ जुमलेबाजी की है, लेकिन इस बात का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि यह पैसा आएगा कहां से। दिल्ली सरकार ने अपने बजट में टैक्स रेवेन्यू से 68,000 करोड़ की आय का अनुमान लगाया है। हालांकि, विपक्ष का दावा है कि यह आंकड़ा पूरी तरह से गलत है।
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि दिल्ली की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वास्तविक टैक्स रेवेन्यू 63,000 करोड़ के आसपास होना चाहिए, जो सरकार के अनुमान से 5,000 करोड़ कम है। उन्होंने भाजपा पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने बजट से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं किया, जिससे स्पष्ट होता है कि बजट के आंकड़ों में हेरफेर किया गया है। आमतौर पर आर्थिक सर्वेक्षण बजट से पहले पेश किया जाता है, ताकि राज्य की आर्थिक स्थिति का सही आकलन किया जा सके।
दिल्ली सरकार ने अपने बजट में दावा किया कि वह नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड (एन एस एस एफ) से 15,000 करोड़ का लोन लेगी। लेकिन विपक्षी नेताओं ने इस पर भी सवाल उठाए हैं। आतिशी ने कहा कि नियमों के अनुसार दिल्ली सरकार अधिकतम 5,000 करोड़ का ही लोन एनएसएसएफ से ले सकती है, जबकि भाजपा सरकार 15,000 करोड़ का दावा कर रही है। आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर जनता को भ्रमित करने और झूठे वादे करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार ने बिना किसी ठोस योजना के 1 लाख करोड़ का बजट पेश कर दिया, लेकिन इस धनराशि की उपलब्धता को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दी। इस बजट को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है, और विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है कि आखिर यह पैसा आएगा कहां से।