बिहार के लोक शिकायत निवारण तंत्र के कामकाज की सराहना की उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने
नयी दिल्ली, 04 जनवरी : केंद्र सरकार के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम (बिहार आरपीजीपी अधिनियम) और बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम (बिहार आरटीएस अधिनियम) के माध्यम से जनता की शिकायतों के निराकरण के काम की सराहना की है।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में उपरोक्त दोनों अधिनियमों के कार्यान्वयन को समझने के लिए शुक्रवार को बिहार का दौरा किया है।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की ओर से शनिवार को यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के सचिव वी. श्रीनिवास की अध्यक्षता में डीएआरपीजी के एक वरिष्ठ स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने इस प्रतिनिधिमंडल में अपर सचिव पुनीत यादव, संयुक्त सचिव सरिता चौहान, निदेशक सुवाशीष दास और उप सचिव शामिल हरि किरण भट्ट शामिल थे।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “डीएआरपीजी प्रतिनिधिमंडल ने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 के माध्यम से किए गए लोक शिकायतों के निवारण की सराहना की है।” बिहार के लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 में लोक शिकायतों के प्रभावी निवारण के लिए शिकायत निवारण अधिकारियों को अर्ध-न्यायिक शक्तियां मिली हैं।
लोक शिकायत अधिकार अधिनियम, सेवा अधिकार अधिनियम, शिकायत अपीलीय अधिकारी प्रक्रिया और बेहतर अभिलेख प्रबंधन प्रथाओं के कार्यान्वयन पर बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना, अपर मुख्य सचिव बी. राजेंद्र और बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन की अपर मिशन निदेशक डॉ. प्रतिमा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की आधिकारिक बैठकें हुईं।
डीएआरपीजी प्रतिनिधिमंडल ने समाधान और जिज्ञासा कॉल सेंटरों का दौरा किया। टीम के समक्ष बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम और बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन एवं प्रभाव पर केंद्रित एक प्रस्तुति दी गई।
इस प्रतिनिधिमंडल ने राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र का दौरा किया और बाद में जिला शिकायत निवारण अधिकारी, पटना के कार्यालय का भी दौरा किया, जहां उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सुनवाई प्रक्रिया और शिकायतों के निवारण का अवलोकन किया।
डीएआरपीजी प्रतिनिधिमंडल ने पटना में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा से मुलाकात की लोक शिकायतों के प्रभावी निवारण, सीपीजीआरएएमएस पोर्टल, स्वच्छता को संस्थागत बनाने और लंबित मामलों को कम करने के लिए विशेष अभियान और पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण पर चर्चा की ।