पहलगाम हमला : पाकिस्तान से रिश्ते लगभग समाप्त, सिंधु जल समझौता निलंबित
नई दिल्ली, 23 अप्रैल । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने, पाकिस्तान के नागरिकों के लिए सार्क वीजा जारी करने पर रोक लगाने और अटारी-वाघा सीमा को बंद करने का निर्णय लिया है। साथ ही पाकिस्तान के उच्चायोग को सीमित करने का भी निर्णय लिया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। हमले में 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई थी। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की आज शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई।
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। विदेश सचिव ने कहा कि इस हमले के बाद, विश्वभर से कई सरकारों ने भारत के प्रति समर्थन और एकजुटता व्यक्त की है, जो आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की भावना दर्शाती है।
बैठक में इस आतंकी हमले के पाकिस्तानी संबंधों की जानकारी दी गई। विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिस्री ने पत्रकार वार्ता में सीसीएस के निर्णयों की जानकारी दी।
इसके अनुसार, सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा, जब तक पाकिस्तान क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद का समर्थन छोड़ने की विश्वसनीय और स्थायी प्रतिबद्धता नहीं करता। अटारी चेक पोस्ट को तुरंत बंद किया जाएगा, जो लोग वैध अनुमोदनों के साथ पार कर चुके हैं, उन्हें 01 मई 2025 से पहले लौटने का अवसर दिया जाएगा। पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत आने की अनुमति नहीं होगी। पहले जारी किए गए वीजा रद्द कर दिए गए हैं और वर्तमान में भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ना होगा। पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित किया गया है। इन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। भारत भी इस्लामाबाद में अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। इसके अलावा, उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जो 01 मई 2025 तक प्रभावी होगा।
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया। यह सुनिश्चित किया गया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा। भारत आतंकवादियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को जारी रखेगा।