पीयूष गोयल ने देश में कारोबार सुगमता के लिए केंद्र/राज्यों की साझी सिंगल विंडो सुविधा का दिया प्रस्ताव
नयी दिल्ली, 05 सितंबर : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि देश में कारोबार करने में सुगमता के लिए एक वास्तविक तर्कसंगत “सिंगल विंडो” सुविधा महत्वपूर्ण है जिसमें केंद्र और राज्य सभी शामिल हों।
श्री गोयल नयी दिल्ली के द्वारका में यशोभूमि में राज्यों के उद्योग और वाणिज्य मंत्रियों के सम्मेलन ‘उद्योग समागम’ की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यदि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कारोबार के प्रस्ताव एवं परियोजनाओं की स्वीकृति और सुविधाओं के लिए एक मंच आ जाएं तो यह प्रत्येक राज्य में वैश्विक निवेश को आकर्षित करेगा।
श्री गोयल ने कहा कि राज्यों में उद्योगों को स्वीकृति समयबद्ध होनी चाहिए और आसान होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम एक ऐसी प्रणाली का प्रयोग कर रहे हैं जिससे लोगों को स्वीकृति और अनुपालन के लिए सरकारी कार्यालयों में आने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सभी क्षेत्रों में मिलकर काम कर सकते हैं और रोजगार के अधिक अवसरों की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
श्री गोयल ने व्यवसाय सुधार कार्य योजना (बीआरएपी) के अंतर्गत शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित करते हुए, व्यवसाय करने में सुगमता बढ़ाने में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के उत्कृष्ट कार्य को मान्यता दी। केरल, आंध्र प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों को प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और व्यवसायों और नागरिकों को समान रूप से कुशल सेवाएं प्रदान करने में उनके उल्लेखनीय सुधारों के लिए उजागर किया गया था।
केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कई राज्यों ने अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया है और कहा है कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और सहयोग राष्ट्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। उड़ीसा ने अपने खनन क्षेत्र में सुधार किया है, उत्तर प्रदेश ने निवेश को प्रोत्साहन देना शुरू कर दिया है, महाराष्ट्र बुनियादी ढांचे में सुधार करके प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित कर रहा है, सिक्किम जैविक खेती में मूल्य जोड़ रहा है।
श्री गोयल ने कहा कि प्रत्येक राज्य को दूसरे राज्यों की उद्योग नीतियों का अध्ययन करना चाहिए और खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान अन्य राज्यों को पर्यटन के लिए खुद को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए अपनी नीतियों में सुधार के तरीके सिखा सकता है।
श्री गोयल ने कहा कि सरकार भारत को दुनिया के लिए निवेश गंतव्य के रूप में प्रोत्साहन देने और विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए एक समान अवसर तैयार किया है। उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाला निवेश विभिन्न राज्यों में जा रहा है और उनमें से प्रत्येक राज्य प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के हमारे प्रयासों का लाभार्थी है।
निवेश और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने ‘उद्योग समागम’ की सफलतापूर्वक मेजबानी की। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वाणिज्य और उद्योग मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिष्ठित अतिथियों ने औद्योगिक विकास को आगे बढ़ाने, व्यापार करने में सुगमता बढ़ाने और पूरे देश में व्यापार-अनुकूल माहौल को प्रोत्साहन देने के बारे में विचार-विमर्श किया।
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण भाग श्री गोयल द्वारा नियामक अनुपालन बोझ (आरसीबी) पुस्तिका का विमोचन करना था। पुस्तिका व्यवसाय संचालन में बाधा डालने वाले पुराने नियमों को सरल बनाने, डिजिटल बनाने और बाधाओं को समाप्त करने के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों को प्रदर्शित करती है। व्यवसायों और नागरिकों से संबंधित 42,000 से अधिक अनुपालन कम कर दिए गए हैं, जिसमें 3,800 से अधिक प्रावधानों को अपराधमुक्त करना और अनावश्यक कानूनों को हटाना शामिल है। नियामक अनुपालन बोझ (आरसीबी) पुस्तिका व्यवसाय करने में सुगमता में सुधार लाने और व्यवसाय-अनुकूल वातावरण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।
वाणिज्य मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसारदिन भर चले सम्मेलन में 16 राज्यों के उद्योग और वाणिज्य मंत्रियों और अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।