पूजा स्थल कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, मार्च में हो सकती है सुनवाई
नई दिल्ली। पूजा स्थल कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसे लेकर एक याचिका दायर की गई है। याचिका पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम इस पर आज सुनवाई नहीं कर सकेंगे। हम इस पर सुनवाई के लिए मार्च में तारीख देंगे।
साल 1991 में देश में पूजा स्थल कानून (प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट) लागू किया गया था। इस कानून के तहत 15 अगस्त 1947 से पहले मौजूद किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता। यदि कोई इस कानून का उल्लंघन करने का प्रयास करता है तो उसे जुर्माना और तीन साल तक की जेल भी हो सकती है। यह कानून तत्कालीन कांग्रेस प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की सरकार में लागू किया गया था। जिस वक्त यह कानून लाया गया था, उस वक्त देश में बाबरी मस्जिद और राम मंदिर का मुद्दा गर्म था। ऐसे हालात भविष्य में न हो, इसके लिए ही यह कानून लाया गया था।