पोप लियो 14वें ने ली शपथ, विश्व को एकता के लिए काम करने की प्रतिबद्धता जताई
वेटिकन सिटी। वेटिकन सिटी में ‘पोप लियो 14वें’ कार्डिनल, बिशप व कई राष्ट्राध्यक्षों समेत लाखों लोगों की मौजूदगी में शपथ ग्रहण की। इस दौरान उन्होंने एकजुटता के लिए काम करने का संकल्प दोहराया। ताकि कैथोलिक चर्च दुनिया में शांति का प्रतीक बन सकें। शपथ ग्रहण समारोह में भारत की ओर से राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश शामिल हुए। समारोह के बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पोप से मुलाकात की।

पोप लियो (69) ने सेंट पीटर्स स्क्वायर में आयोजित सामूहिक प्रार्थना सभा के दौरान प्रेम व एकता का संदेश दिया। पोप लियो ने लैटिन भाषा में अपने संबोधन की शुरुआत भाइयों व बहनों कहकर किया। उन्होंने कहा कि वह प्रेम व एकजुटता के संदेश के जरिये लोगों के सेवक बनना चाहते हैं। पोप लियो ने कहा, मैं चाहता हूं कि हमारी पहली बड़ी इच्छा एक संयुक्त चर्च की हो, जो एकता का प्रतीक हो, जो मेल-मिलाप वाली दुनिया के लिए एक उदाहरण बन जाए।
कार्यक्रम में पोप को एक धार्मिक वस्त्र व एक अंगूठी दी गई। धार्मिक वस्त्र नए पोप के पदभार ग्रहण करने का प्रतीक होता है। यही अंगूठी अब उनकी मुहर होगी। इसके साथ ही 1.4 अरब की ईसाई आबादी के नेतृत्व की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। उन्होंने अपना हाथ घुमाकर अंगूठी को देखा और प्रार्थना के दौरान अपने हाथ जोड़ लिए।
इससे पहले पोप लियो एक खुली छत वाली पोपमोबाइल में सवार होकर सेंट पीटर्स स्क्वायर पहुंचे और उपस्थित लोगों का अभिवादन किया। कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए थे। अमेरिका व अन्य स्थानों पर कैथोलिक चर्चों में ध्रुवीकरण को देखते हुए एकता के लिए उनका आह्वान महत्वपूर्ण है।

- राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने किया भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व
शपथ ग्रहण समारोह में भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने वेटिकन सिटी में पोप लियो 14वें के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उनके साथ नागालैंड के उपमुख्यमंत्री यंथुंगो पट्टन भी मौजूद थे।
- जेडी वेंस ने किया अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व
अमेरिका के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण क्षण था, क्योंकि शिकागो में जन्मा कोई पहला व्यक्ति पोप की जिम्मेदारी संभालने जा रहा था। अमेरिका ने शपथग्रहण समारोह के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था, जिसका नेतृत्व उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने किया। उनके साथ विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी थे।
- 2000 साल के इतिहास में पोप बनने वाले पहले अमेरिकी
पोप लियो-14 का असली नाम रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट है। अपना पूरा जीवन पेरू में सेवा करते हुए बिताने वाले लियो ने वेटिकन के बिशप के प्रभावशाली दायित्व को संभाला और कैथोलिक चर्च के 2,000साल के इतिहास में पहली बार अमेरिका से पोप चुने जाने वाले पहले धर्मगुरु बने। ऑगस्टीनियन धार्मिक आदेश के सदस्य लियो आठ मई को पोप चुने गए थे।
- मेलोनी, जेलेंस्की समेत कई देशों के प्रमुख रहे मौजूद
पेरू की राष्ट्रपति डिना बोलुआर्टे, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की समेत कई राष्ट्राध्यक्ष कार्यक्रम में शामिल हुए। रूस का प्रतिनिधित्व संस्कृति मंत्री ओल्गा लियुबिमोवा ने किया। यूरोपियन कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन व इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी भी कार्यक्रम का हिस्सा बनीं।
- अपोस्टोलिक पैलेस में रह सकते हैं पोप
पोप लियो प्रार्थना सभा के बाद वेटिकन के अपोस्टोलिक पैलेस में रहने के लिए जा सकते हैं। यह 16वीं सदी की इमारत है, जो सेंट पीटर्स स्क्वायर के सामने है। पोप का अपार्टमेंट इसकी सबसे ऊपरी मंजिल पर है। इसमें करीब 10 कमरे हैं, जिनमें बेडरूम, निजी लाइब्रेरी, स्टडी रूम, डाइनिंग रूम, किचन व एक छोटा चैपल शामिल है।
- हिंदू, सिख जैन समेत सभी धर्मों का प्रतिनिधिमंडल
दुनिया के 36 अन्य ईसाई चर्चों ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल भेजे। यहूदी समुदाय का 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी कार्यक्रम में मौजूद था, जिनमें से आधे रब्बी थे। हिंदू, बौद्ध, मुस्लिम, पारसी, सिख और जैन प्रतिनिधिमंडल भी कार्यक्रम का हिस्सा बने।