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पाकिस्तान में गरीबी बढ़ेगी, 10 मिलियन लोगों को करना पड़ेगा गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना, विश्व बैंक ने किया आगाह

इस्लामाबाद। विश्व बैंक ने आगाह किया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान पाकिस्तान के लगभग 10 मिलियन लोगों को गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही गरीबी के स्तर में वृद्धि की उम्मीद है। यह चेतावनी बुधवार को तब आई जब बैंक ने पाकिस्तान के आर्थिक विकास के पूर्वानुमान को भी घटाकर 2.7 प्रतिशत कर दिया। पूर्वानुमान को घटाने में सख्त आर्थिक नीतियों का हवाला दिया गया है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार, वाशिंगटन स्थित ऋणदाता (विश्व बैंक) ने अपनी प्रमुख द्विवार्षिक पाकिस्तान आर्थिक अद्यतन रिपोर्ट में उल्लेख किया कि सरकार अपने वार्षिक बजट घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में चूक सकती है। इसके अतिरिक्त, देश का ऋण भार निरपेक्ष रूप से और सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में बढ़ने का अनुमान है। विश्व बैंक ने कहा, चावल और मक्का जैसी प्रमुख फसलों के समग्र कृषि उत्पादन को प्रभावित करने वाली जलवायु परिस्थितियों की वजह से लगभग 10 मिलियन लोगों (ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों ) के वित्त वर्ष-25 में गंभीर खाद्य असुरक्षा के उच्च स्तर का अनुभव करने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में रेखांकित किया गया कि लगभग दो फीसद की जनसंख्या वृद्धि के साथ मिलकर इस वित्तीय वर्ष में लगभग 1.9 मिलियन और व्यक्तियों के गरीबी में चले जाने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सामाजिक सुरक्षा व्यय मुद्रास्फीति के साथ तालमेल नहीं रख पाया है। इस कारण गरीबों के लिए भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं के लिए उपलब्ध संसाधन सीमित हो रहे हैं। विश्व बैंक ने कहा है कि इससे बचने के लिए पाकिस्तान पूर्णतः बाजार निर्धारित विनिमय दर के साथ-साथ अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार की कार्यप्रणाली को बहाल करे।

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