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प्रधानमंत्री ने किया 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन, प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन का उद्घाटन किया। विदेश मंत्रालय और ओडिशा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की थीम ‘विकसित भारत की संकल्पना में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रवासी भारतीयों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भगवान जगन्नाथ और भगवान लिंगराज की पावन धरती पर पूरे विश्व से आए अपने भारतवंशी परिवार का स्वागत करके की। उन्होंने कहा कि यह भारत में जीवंत उत्सवों और समारोहों का समय है। कुछ ही दिनों में प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो जाएगा, मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और माघ बिहू के त्योहार भी आने वाले हैं। हर जगह खुशी का माहौल है। इसके अलावा, 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी लंबे समय तक विदेश में रहने के बाद भारत वापस आए थे। ऐसे अद्भुत समय में भारत में आपकी उपस्थिति उत्सव की भावना को और बढ़ा रही है।

इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हर दो साल में आयोजित होने वाला यह समारोह पारिवारिक पुनर्मिलन जैसा है। विदेशों में रहने वाले भारतीय अपने देश में हो रहे प्रगति और विकास को स्वयं देख पाते हैं। उन्होंने कहा कि यह समारोह हमें अपने प्रवासी भारतीयों से जुड़ने और एक-दूसरे के साथ बातचीत का मंच है। उन्होंने कहा कि प्रवासी समुदाय हर गुजरते साल के साथ और भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है। जयशंकर ने कहा कि भारत में हम जिन जन-केंद्रित बदलावों को बढ़ावा देते हैं, उनसे प्रवासी समुदाय को भी लाभ होता है।

वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि ओडिशा राज्य विविध संस्कृतियों और ऐतिहासिक उत्कृष्टता का एक समग्र केंद्र है। ओडिशी भारत के सबसे पुराने शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक है। पट्टचित्र की जटिल कला दुनिया को मंत्रमुग्ध करती है। संबलपुर के विश्व प्रसिद्ध हथकरघा कपड़े हमारी सबसे प्रिय और जीवंत परंपराओं में से एक हैं। विरासत से परे, ओडिशा प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री के साथ मंच पर ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओडिशा के उप-मुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव आदि मौजूद थे।

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