प्रियंका ने भाजपा के ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’ नारे का उड़ाया मजाक
गढ़चिरौली, 17 नवंबर : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए आयोजित चुनावी सभाओं के दौरान दिए गए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’ नारे की आलोचना करते हुए रविवार को दावा किया कि नरेन्द्र मोदी सरकार में कोई भी सुरक्षित नहीं है।
श्रीमती वाड्रा ने कहा कि एक दशक के शासनकाल में देश में किसान हो, मजदूर हो, महिला हो या युवा, अगर कोई सुरक्षित है तो वह सिर्फ उद्योगपति गौतम अडानी हैं।
उन्होंने यहां कांग्रेस-एमवीए उम्मीदवारों के लिए आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, “भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनावों के लिए ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’ का नारा लगाते नजर आ रहे हैं। सुरक्षित का मतलब सुरक्षित है, लेकिन श्री मोदी के 11 साल के कार्यकाल में राज करो, देश में कोई भी किसान, मजदूर, महिला या युवा सुरक्षित नहीं है, अगर कोई सुरक्षित है तो वह सिर्फ उद्योगपति गौतम अडानी हैं।”
उन्होंने जनता से अपील की कि वे विधानसभा चुनाव में सावधानी से मतदान करें और ऐसी सरकार चुनें जो जनता के हित में काम करे, उद्योगपतियों के हित में नहीं।
कांग्रेस नेता ने अपने भाषण में भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश के हित को देखकर विभिन्न राज्यों में बड़े-बड़े संस्थान, कारखाने, बंदरगाह, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल स्थापित किए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने कभी भी विकास कार्यों में राज्यों के साथ भेदभाव नहीं किया, लेकिन पिछले 11 वर्षों से देश में भेदभाव की राजनीति चल रही है।
उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने महाराष्ट्र में आने वाली बड़ी परियोजनाओं को गुजरात और अन्य भाजपा शासित राज्यों में भेजकर महाराष्ट्र के साथ भेदभाव किया है।
नतीजतन, महाराष्ट्र में बेरोजगारी बढ़ गई है, यहां तक कि 2.5 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं, उन्होंने आगे दावा किया और आरोप लगाया कि अधिकांश बेरोजगार युवा महाराष्ट्र में अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अनुबंध के आधार पर भी भर्ती की जा रही है। इसके अलावा देश के सभी हवाई अड्डे, बंदरगाह, कारखाने, जमीनें एक उद्योगपति को दे दी गई हैं। इसके अलावा, राज्य में किसान मुसीबत में हैं, क्योंकि उन्हें अपनी कृषि उपज की कीमत नहीं मिल रही है, उन्होंने कहा और बताया कि कपास और सोयाबीन की कीमतें पिछले 10 वर्षों में नहीं बढ़ी हैं।
श्रीमती वाड्रा ने कहा कि इसके विपरीत, पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सोयाबीन की कीमत 7,000-8,000 रुपये थी, जो आज केवल 4,000 रुपये है। इसी तरह प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण 50 लाख टन प्याज बर्बाद हो गया, उन्होंने कहा और बताया कि दूध या संतरे की कोई कीमत नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप किसानों की आय नहीं बढ़ रही है और कृषि आदानों पर जीएसटी लगाकर उन्हें लूटा जा रहा है।
आदिवासियों की बात करते हुए श्रीमती वाड्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए पेसा कानून बनाया, इसके विपरीत आज भाजपा शासित राज्यों में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र में चार लाख आदिवासियों ने भूमि पार्सल के लिए आवेदन किया था, जिनमें से दो लाख के आवेदन खारिज कर दिए गए। उन्होंने कहा कि इसी तरह देशभर में 22 लाख आदिवासियों के आवेदन खारिज कर दिए गए।
उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार गठन की बैठक में उद्योगपति अडानी की मौजूदगी का जिक्र करते हुए श्री मोदी और भाजपा पर राज्य सरकार चुराने का भी आरोप लगाया।