‘संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा हर सरकार की जिम्मेदारी’
नयी दिल्ली, 13 दिसम्बर: लोकसभा में सदस्यों ने शुक्रवार को कहा कि देश में किसी भी सरकार की मनमानी, डर का माहौल पैदा करना और संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी करना संविधान के अनुरूप नहीं है,इसलिए लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी वर्गों के हितों को साधना हर सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है और सबको इसका पालन करना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस कल्याण बनर्जी ने ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा’ में हिस्सा लेते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। श्री बनर्जी ने कहा कि देश के नागरिकों के मौलिक अधिकार महत्वपूर्ण हैं और यदि केंद्र सरकार समय पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल नहीं करती है तो कानून व्यवस्था की चुनौती खड़ी हो जाती है और मणिपुर में यही हो रहा है। वहां मूल अधिकारों का हनन किया जा रहा है। सवाल है कि डेढ़ साल से मणिपुर के लोगों के अधिकारों को क्यों कुचलने दिया जा रहा है और देश के प्रधानमंत्री मणिपुर जाकर वहां के लोगों की समस्या का समाधान क्यों नहीं करते हैं। जब मूल अधिकारों की बात आती है तो देश के प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के संभल के मामले में चुप क्यों हो जाते हैं।
उन्होंने सरकार पर घृणा की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि लोगों की इच्छाएं पूरी होनी चाहिए तथा उनकी भावनाओं के अनुकूल काम किया जाना चाहिए। लोगों को निशुल्क शिक्षा मिलनी चाहिए, चिकित्सा शिक्षा मिलनी चाहिए, पोषण मिलना चाहिए और यह लोगों का संवेधानिक अधिकार है लेकिन केंद्र सरकार इसमें सफल नहीं हो रही है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए राज्यपाल के अधिकारों का हवाला दिया और कहा कि गैर भाजपा सरकार वाले राज्यों में इन अधिकारों का पालन नहीं किया जा रहा है।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) के टी आर बालू ने कहा कि धर्मनिरपेक्षतावाद को महत्व दिया जाना चाहिए और सभी वर्ग के लोगों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा,“ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने समाजवाद तथा धर्मनिरपेक्षतावाद को संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा था और उनकी रक्षा हमारी सरकारों की जिम्मेदारी होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि देश में पीट-पीटकर मारने और धर्मस्थलों को नुकसान पहुंचाए जाने की घटनाएं हो रही हैं जो नहीं होनी चाहिए थी।
तेलुगु देशम पार्टी(तेदेपा) की बायरेड्डी शबरी ने आंध्र प्रदेश का नाम लिए बिना पिछले पांच साल में वहां की सरकार पर लोगों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया और कहा कि देश की हर सरकार को संविधान के अनुकूल काम करते हुए और सबको समान अधिकार देते हुए जनता के हितों के लिए काम करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ़ लल्लन सिंह ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि संविधान की दुहाई देने और संविधान की प्रति लेकर घूमने वाले को समझना चाहिए कि देश में लंबे समय तक शासन करने वालों ने क्या किया। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी वर्गों के लिए सामाजिक आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता लेकिन संविधान के साथ छेड़छाड़ करने वाले के लिए भी कहाँ जगह मिलेगी उसे भी बताया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास ही संविधान का मूल मंत्र है। प्रधानमंत्री ने गरीबों और पिछड़ों के लिए जो काम किया है उसकी सराहना की जानी चाहिए। संविधान के रक्षक प्रधानमंत्री हैं उनके रहते संविधान के साथ कोई छेड़ छाड़ नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने पूर्वजों के बारे में भी जान लेना चाहिए कि उन्होंने पूरे शासनकाल में संविधान की धज्जियां उड़ाई। संविधान के भक्षक संविधान की प्रतियां लेकर घूमते हैं तो देश की जनता उनपर हँसती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा रात के अंधेरे में संविधान की धज्जियां उड़ाई। इस देश में आपातकाल भी रात के अंधेरे में लगाकर संविधान निर्माता की आत्मा को तार-तार किया है।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) अरविंद सावंत ने कहा कि आज इस संविधान का सही सम्मान हो रहा है क्या इसे समझना चाहिए। अगर पहले वाले ने कोई गलती की तो दूसरे को भी ग़लत करने का हक नहीं मिल जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान के साथ किस प्रकार खिलवाड़ हो रहा है यह सभी को पता है। बिना आपातकाल लगाए आपातकाल चल रहा है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में संविधान का कहाँ सम्मान रखा गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद महाराष्ट्र में असंवैधानिक सरकार चलती रही। शिव सेना के नेता ने कहा कि राज्यपाल की राज्यों में जिस प्रकार की भूमिका देखने को मिलती है उससे संविधान के सम्मान का पता चल रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में एजेंसियों का इस्तेमाल करके सरकारें गिराई गईं। सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करके लोगों को बेरोजगार करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि देश से बाहर बड़ी संख्या में लोग क्यों जा रहे क्योंकि यहाँ नौकरिया नहीं है। निजीकरण होने से बेरोजगारी बढ़ रही है।
भाजपा के भर्तृहरि महताब ने कहा,“ संविधान ने हमें यह शक्ति प्रदान की है कि एक आम आदमी भी देश के सर्वोच्च पद पर बैठ सकता है। जब अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया तब कुछ लोग नर्वस थे लेकिन सार्वजनिक रूप से कुछ कहने की हिम्मत नहीं जुटाई।”
उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने सदियों की गलतियों को ठीक करके देश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का काम किया है। भाजपा नेता ने कहा कि सरदार पटेल जब देशी रियासतों को भारत में मिलाने काम कर रहे थे उनको जम्मू-कश्मीर के मामले से दूर रखा गया और श्री शेख अब्दुल्ला के साथ नरमी बरती गई। सरदार पटेल लगातार श्री अब्दुल्ला की आलोचना करते रहे लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री उनके साथ नरमी बनाए हुए थे। संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर भी अनुच्छेद 370 के ख़िलाफ़ थे लेकिन उनकी भी नहीं सुनी गई।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में गांव का रहने वाला आम आदमी भी समझता है कि वह व्यवस्था का हिस्सा है लेकिन आज से पहले ऐसा नहीं था। सरकार ने तकनीक के माध्यम से आम आदमी तक पहुंचने और उसको जोड़ने का काम किया है।
कांग्रेस के सुखविंदर सिंह रंधावा ने कहा कि आजादी के दीवानों की शहादत के कारण देश आज आजादी का जश्न मना रहा है और संविधान अंगीकार करने के 75 साल पूरे होने के मौके पर संविधान पर संसद में चर्चा हो रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह कि वह किसानों की समस्याओं को सुने और उन्हें दुश्मन नहीं देश का अन्नदाता समझकर उनकी समस्याओं का समाधान करें।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमोल राम सिंह कोल्हे ने कहा कि संविधान ने देश के लोगों को वोटे देने का बेसकीमती उपहार दिया है और सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कई लोगों को आशंका है कि उनका वोट कहीं खो गया है या चोरी हो गया है।लोकसभा चुनाव के बाद लाखों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जुड़े हैं जो लोगों में आशंका को जन्म दे रहा है। उन्होंने चुनाव में अधिक पारदर्शिता लाने का आग्रह करते हुए कहा कि मतदताओं को बैलेट पेपर तथा ईवीएम से मतदान करने का विकल्प दिया जाना चाहिए ताकि लोगों को पता चल सके कि उनका वोट किसे गया है।
लोकजन शक्ति पार्टी राम विलास की शाम्भवी ने कहा कि जिन बाबा साहब ने संविधान का निर्माण किया था और पूरा देश उनके इस कार्य के लिए उनका सम्मान करता है लेकिन कांग्रेस ने उसी संविधान निर्माता का अपमान किया है। उन्होंने कहा,“ कांग्रेस शुरू से दलित विरोधी रही है। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने आरक्षण का विरोध किया था और राजीव गांधी ने कहा था कि आरक्षण देश को नुकसान पहुंचाने वाला है।कांग्रेस के शासन में कई दंगे हुए हैं जबकि कांग्रेस खुद को अल्पसंख्यक हितैषी होने का दावा करते हैं।
‘संविधान का पैगाम लेकर हम दिल्ली आए हैं बचाने संविधान’ जुमले से अपने भाषण की शुरुआत करते हुए समाजवाद पार्टी के अवधेश प्रसाद ने कहा कि देश में समाजवाद फैलाने का काम राममनोहर लोहिया ने किया और समाजवादी सरकार चलाने का काम मुलायमसिंह यादव ने शुरु किया है।”
उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला किया और कहा कि यह सरकार धर्म स्थलों को बदलने का काम कर रही है लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस सरकार की मंशा समझ गई है इसलिए उसने धार्मिक स्थलों की सुनवाई पर रोक लगा दी है।
भाजपा के जगदम्बिका पाल ने कहा कि संविधान के प्रति आस्था रखना सरकार, विपक्ष और प्रत्येक नागरिक का दायित्व है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि संविधान उनके लिये गीता, कुरान और बाइबिल की तरह पवित्र है।
उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि जो सदस्य इस सदन के लिये चुनकर आये हैं, उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेना चाहिये, लेकिन कभी हाथरस जाया जा रहा है, कभी संभल जाया जा रहा है, क्या यहां बैठना संवैधानिक दायित्व नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये आरक्षण की अवधि बढ़ा दी है। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। अगड़ी जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है।
श्री पाल ने कहा कि समानता और न्याय के लिये समान नागरिक संहिता (यूसीसी) जरूरी है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी इसके पक्ष में अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा कि तमाम इस्लामिक देशों में इस तरह की व्यवस्था है, तो हमारे देश में ऐसा क्यों नहीं हो सकता।
आम आदमी पार्टी के मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं तो उन्हें राष्ट्र विरोधी करार दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में क्या हो रहा है, संभल में क्या हुआ। आज चुनाव आयोग से लेकर न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
कांग्रेस के हिबी इडेन ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संविधान में मनुस्मृति के विचार लागू करना चाहता था। संविधान लागू होने के तत्काल बाद संघ का आधिकारिक बयान आर्गनाइजर में छपा था, उसमें मनुस्मृति के अनुरूप संविधान में कुछ न होने का बातें कही गयीं थी। उन्होंने विधायिका में इंग्लो इंडियन लोगों के लिये आरक्षण की व्यवस्था बहाल करने की मांग की।
कांग्रेस के हैबी ईडन ने कहा कि संविधान निर्माण में भाजपा की कोई भूमिका नहीं थी। भाजपा तो संविधान की जगह मनुस्मृति को लागू करना चाहती थी। भाजपा के नये भारत में हाथरस में एक दलित महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में डबल इंजन की सरकार चल रही है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मणिपुर की चिंता नहीं है। पिछले एक साल से मणिपुर में जिस प्रकार की घटनाएं घट रही है उसको लेकर सरकार को कोई चिंता नहीं है।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि भारत के संविधान में जिस प्रकार की कल्पना की गई है उसके विपरीत वर्तमान में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान में अल्पसंख्यकों को मिले अधिकारों को कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छह दिसबंर 1992 को जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया गया तब देश की धर्मनिरपेक्षता को धक्का लगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में मस्जिद का सर्वे करने के नाम पर वहां जिस प्रकार की कार्रवाई हुई और वहां पांच बेकसूर लोगों की जान चली गई। यह क्या हो रहा है। देश में नफरती भाषण खुलेआम दिया जा रहा है और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किये जा रहे है।
भाजपा की डी पुरंदेश्वरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया भारत बनाने में महिलाओं को आगे बढ़ाने काम किया जा रहा है। सरकार की योजनाओं में महिलाओं को सशक्त करने का काम किया जनर्हा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वास्तविक रूप से महिलाओं को आगे आकर नेतृत्व करने का मौका दिया है।
समाजवादी पार्टी की इकरा चौधरी ने कहा कि आज हमारे देश में पिछड़ें दलित अल्पसंख्यक समुदाय को किस प्रकार अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आज ऐसा लगता है कि संविधान की किताब तो है लेकिन इसके चलाने वालों का ईमान खो गया है। आज हिंदुस्तान में हर वर्ग किसी न किसी संकट से जूझ रहा है लेकिन मुसलमानों पर जो कहर टूटा है वह किसी से छुपा नहीं है। मुसलमान सिर्फ मजहबी पहचान की वजह निशाना बनाया जा रहा है। हालात इस प्रकार बिगड़ चुके हैं कि खुलेआम नफ़रती भाषण, मॉब लिंचिंग और घरों को बुलडोजर से गिराया जाता है।
उत्तर प्रदेश में कानून के नाम पर जंगल राज चल रहा है। संभल में पुलिस के संरक्षण में बेकसूर लोगों की हत्या की गई और सरकार खामोश है। देश में इस प्रकार की घटनाएं हो रही है जो धर्मनिरपेक्षता पर हमला है।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए हमें सबसे बड़ा किताब संविधान के रूप में मिला है यह हमारे लिए गर्व की बात है। संविधान निर्माता बाबा साहब ने देश के हर नागरिक को वोट का अधिकार दिया जिससे वह अपने मनमर्जी की सरकार बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को बाबा साहब के सपनों के हिसाब से काम करना चाहिए जिसमें दलितों पिछड़ों और अल्पसंखकों को समान अधिकार मिले। उन्होंने कहा कि भाजपा के सदस्य आपात काल की आलोचना करती है जबकि वर्तमान में अघोषित आपातकाल है।
भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रौत ने कहा कि संविधान में अनुसूचित जनजाति के लिए जो प्रावधान किया गया है वह आज तक धरातल पर नहीं लाया गया है। इन दिनों आरक्षण का निजीकरण किया जा रहा है जो संविधान पर कुठाराघात है।