राज्य की परीक्षा प्रणाली और सरकार की नीतियों पर लगे सवालिया निशान: आइसा
रांची। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के राज्य सचिव त्रिलोकी नाथ ने कहा कि झारखंड में जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा परिणामों को लेकर छात्रों में व्याप्त गहरा असंतोष और आक्रोश राज्य की परीक्षा प्रणाली और सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह आंदोलन केवल परीक्षा परिणामों की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए नहीं, बल्कि बेरोजगारी और भविष्य की अनिश्चितता के खिलाफ युवाओं के व्यापक संघर्ष का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत के आसपास है। ऐसी स्थिति में सीजीएल परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताएं और पारदर्शिता की कमी युवाओं के विश्वास को तोड़ रही हैं। यह न केवल उनके भविष्य को खतरे में डाल रही है, बल्कि राज्य के विकास के लिए भी गंभीर चुनौती बन रही है। आइसा मांग करती हैं कि सीजीएल परीक्षा प्रक्रिया की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच तुरंत कराई जाए। छात्रों और युवा संगठनों के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए।
उन्होंने कहा कि रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए स्थानीय उद्योगों और सार्वजनिक नौकरियों को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही स्थानीय नीति बनाने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव फिर से पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाए। साथ ही कहा कि छात्रों और युवाओं का यह आंदोलन झारखंड के उज्ज्वल भविष्य के लिए है। सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए ठोस कदम उठाने चाहिए।