राहुल गांधी का सम्मेलन संविधान बचाओ है या परिवार बचाओ : अजय साह
रांची, 20 अक्टूबर । भाजपा ने राहुल गांधी के रांची में आयोजित ‘संविधान बचाओ सम्मेलन’ में भाग लेने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने रविवार काे इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी को इस सम्मेलन में भाग लेने से पहले 42वें संविधान संशोधन का गहन अध्ययन करना चाहिए। यदि जरूरत हो तो ऐसे किसी कार्यक्रम में जाने से पहले 42वें संविधान संशोधन की एक कॉपी भाजपा कार्यालय से ले लें।
अजय साह ने कहा कि राहुल गांधी को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल वास्तव में संविधान बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं या फिर अपने-अपने राजनीतिक परिवारों की विरासत को बचाने के प्रयास कर रहे हैं। भाजपा ने यह सवाल भी उठाया है कि क्या ये दल संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा रखते हैं, या केवल सत्ता की राजनीति कर रहे हैं। साह ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि उनकी स्कूलिंग हिंदुस्तान में हुई है और उन्होंने अपने स्कूली शिक्षा में कभी भी आदिवासी, दलित, ओबीसी के बारे में नहीं पढ़ा, तो क्या राहुल अपने पूर्वजों पर सवाल उठा रहे है, जिन्होंने अपने वक़्त में आदिवासी दलितों को छोड़ कर स्कूल की किताबों में बस गांधी परिवार का महिमा मंडन किया? जिनकी सरकार ने कभी यह कहा था कि देश के संसाधनों पर सबसे पहला हक मुस्लिमों का है वो आज आदिवासी दलितों के हिमायती होने का ढोंग कर रहे है।
साह ने कांग्रेस पर 74वें संविधान संशोधन के कार्यान्वयन में असफल रहने का भी आरोप लगाया, जिसके तहत नगर निकाय चुनावों को हर पाँच साल में कराना अनिवार्य किया गया था। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में कई जगहों पर नगर निकाय चुनाव नहीं कराए गए हैं, और यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब राहुल गांधी को देना चाहिए। इस मुद्दे को उठाते हुए भाजपा ने यह स्पष्ट किया कि यदि राहुल गांधी और उनकी पार्टी संविधान के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता रखते, तो इस तरह के मुद्दों पर ध्यान दिया होता। राहुल गांधी को झारखंड की जनता ने पांच साल कार्य करने का वक़्त दिया लेकिन राहुल गांधी यहां सत्ता मिलने के बाद पांच साल गायब रहे और अब वापस से ढोंग यात्रा पर आ रहे हैं।