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रेलवे ने महाकुंभ के दौरान 14 हजार से ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया

नयी दिल्ली, 22 फरवरी : रेलवे ने महाकुंभ में तीर्थयात्रियों को लाने और ले जाने के लिए 14 हजार से ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया है जिससे अभी तक 14 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को कुंभ में पवित्र स्नान करने का अवसर प्राप्त हुआ है।

रेलवे सूत्रों के अनुसार महाकुंभ के लिए यात्रियों द्वारा प्रयुक्त 92 फीसदी ट्रेनें मेल, एक्सप्रेस, सुपर-फास्ट, पैसेंजर और मेमू श्रेणी की रहीं जबकि 472 राजधानी और 282 वंदे भारत ट्रेनें संचालित हुईं।

सूत्रों के अनुसार 50 प्रतिशत ट्रेनें उत्तर प्रदेश से शुरू हो के प्रयागराज क्षेत्र के नौ स्टेशनों को आयीं जबकि दिल्ली से 11 प्रतिशत, बिहार से 10 प्रतिशत और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे अन्य राज्यों से तीन से छह प्रतिशत ट्रेनें आईं।

सूत्रों ने कहा कि आस्था के महापर्व प्रयाग तीर्थ के संगम तट पर चल रहे महाकुंभ में ऐसे तो तमाम विभागों और एजेंसियां अपनी-अपनी भूमिकाएं निभाईं हैं लेकिन इसमें रेलवे की भूमिका निस्संदेह अग्रणी है।

सूत्रों ने कहा कि रेलवे ने जिस तरह पूरे देश भर से तीर्थयात्रियों को प्रयाग की पुण्यभूमि तक पहुंचने में मदद की, वह न सिर्फ अभूतपूर्व है, बल्कि रेल संचालन की दृष्टि से कई मामलों में अनोखा रिकार्ड भी बना है। एक अनुमान के मुताबिक करीब डेढ़ माह के इस आयोजन में अब तक 12 से 15 करोड़ तीर्थयात्रियों ने ट्रेन यात्रा का लाभ उठाया है। यानी महाकुंभ के करीब एक चौथाई तीर्थयात्रियों ने प्रयागराज या अग़ल बग़ल के प्रमुख शहरों तक पहुंचने में ट्रेनों का उपयोग किया।

सूत्रों के अनुसार महाकुंभ के आयोजन से बहुत पहले से ही रेलवे अपनी कार्ययोजना को मूर्त रूप देने में जुट गया था। इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्रियों की अनुमानित संख्या के हिसाब से ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई। साथ ही महाकुंभ को दौरान भीड़ बढ़ने की स्थिति में आपात योजना भी बनाई गई। आम दिनों में ट्रेनों में रहने वाली भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने इसके लिए विशेष उपायों को अपनाया। इसके तहत किसी एक रूट, ट्रेन या बड़े स्टेशन पर दवाब को हटाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। तीर्थयात्रियों की संख्या और मांग के अनुरूप एक के बाद एक विशेष ट्रेनें चलाई गईं।

सूत्रों ने बताया कि महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक 13 हजार 667 ट्रेनें तीर्थयात्रियों को लेकर प्रयागराज और उसके अन्य स्टेशनों तक पहुंचीं। इनमें 3468 विशेष ट्रेनों की शुरुआत कुंभ क्षेत्र से हुई तथा 2008 ट्रेनों कुंभ क्षेत्र में बाहर से आयीं। बाक़ी 8211 नियमित ट्रेनें थीं। शहर में प्रयागराज समेत कुल नौ स्टेशन हैं, जहां ट्रेनों का आवागमन हुआ। अकेले प्रयागराज स्टेशन पर ही पांच हजार 332 ट्रेनों से श्रद्धालुओं ने आवागमन किया। जबकि सूबेदारगंज से 4313 ट्रेनें, नैनी स्टेशन से 2008, छिवकी से 1993, प्रयाग से 1326, फाफामऊ से 1010, प्रयागराज रामबाग से 764 और प्रयागराज संगम से 515 ट्रेनें चलाईं गईं।

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