संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत का समाज के सभी वर्गों से सेवा का आह्वान
- -जयपुर में सेवा भारती के तीसरे राष्ट्रीय सेवा संगम को किया संबोधित
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जयपुर (राजस्थान)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने समाज के सभी वर्गों से दृढ़ संकल्पित होकर सेवा करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सेवा का भाव करुणा से जुड़ा है। जब देश का सर्वांग परिपूर्ण और स्वस्थ होगा तभी भारत विश्वगुरु बनेगा। संघ प्रमुख डॉ. भागवत ने यह बात जयपुर के पास जामडोली स्थित केशव विद्यापीठ में सेवा भारती के तीसरे राष्ट्रीय सेवा संगम के उद्घाटन अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शरीर का कोई अंग दुर्बल होता है तो पूरा शरीर पीड़ा भोगता है, उसी प्रकार यदि देश का कोई समाज दुर्बल होगा तो पूरा देश पीड़ा भोगता है और पिछड़ता है। उन्होंने कहा कि सेवा का भाव ही इस कमी को दूर कर सकता है। डॉ. भागवत ने कहा कि यह कार्य हमें करना है ,क्योंकि यह समाज हमारा अपना है। हमें देश के किसी भी अंग को दुर्बल, पिछड़ा और नीचा नहीं रहने देना है।
डॉ. भागवत ने कहा कि सेवा का भाव करुणा से जुड़ा है। यह भाव त्वरित पैदा होता है। सेवा भारतीय सनातन संस्कृति का गुण है। मनुष्य की मनुष्य के प्रति सामान्य अभिव्यक्ति है। सेवा कोई स्पर्धा नहीं है। आज संवेदना के आधार पर कृति की चर्चा वैश्विक स्तर पर हो रही है।
उद्घाटन सत्र में संघ प्रमुख के अलावा पीरामल ग्रुप मुंबई के अध्यक्ष अजय पीरामल, उद्योगपति नरसीराम कुलरिया, राष्ट्रीय संत बालयोगी उमेश नाथ महाराज आदि उपस्थित हैं। इस दौरान पीरामल ने संत रहीम का दोहा उद्धृत करते हुए कहा कि तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान। कहि रहीम पर काज हित, संपति संचहि सुजान। इसी उद्देश्य को पीरामल फाउंडेशन में उतारने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि फाउंडेशन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समक्ष आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य को लेकर प्रतिबद्धिता जताई है। राष्ट्रीय संत बालयोगी उमेश नाथ महाराज ने निषादराज और माता शबरी के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान राम तब सामाजिक समरसता सिखा गए थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले ने कहा कि नानाजी देशमुख एक मंत्र दे गए कि अपने लिए नहीं अपनों के लिए जियो। जहां संगम होता है वहां अध्यात्म ऊर्जा बढ़ती है। इस अवसर पर अतिथियों ने सेवा साधना पत्रिका का विमोचन किया। इस पत्रिका का विषय स्वावलंबी भारत रखा गया है। स्वागत समिति के अध्यक्ष के रूप में उद्योगपति नरसीराम कुलरिया ने स्वागत उद्बोधन दिया।
सेवा संगम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश भैयाजी जोशी, सह सरकार्यवाह मुकुंद सी आर, विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानन्द, विश्व जागृति मिशन संस्थापक आचार्य सुधांशु महाराज, सांसद राजसमंद दीया कुमारी, उद्योगपति अशोक बागला आदि उपस्थित रहे।