भर्ती घोटाला: सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार
नयी दिल्ली, 02 जून : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की विभिन्न नगरपालिकाओं की भर्ती में कथित घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की अनुमति देने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और के वी विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार की गुहार ठुकराते हुए कहा कि मामले की सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद जुलाई में हो सकती है।
न्यायमूर्ति धूलिया की अध्यक्षता वाली पीठ ने हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता सुनील फर्नांडिस से कहा कि छुट्टियों के बाद शीर्ष अदालत के समक्ष ‘विशेष उल्लेख’ कर तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई जा सकती है।
श्री फर्नांडिस ने दो सदस्यीय अवकाशकालीन पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए इस पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था।
शीर्ष अदालत के समक्ष दायर याचिका में पश्चिम बंगाल सरकार ने अपनी अपील स्वीकार करने और उच्च न्यायालय के 22 मई के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की गुहार लगाई है।
केंद्रीय जांच एजेंसियों – सीबीआई और ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपील पर सवाल करते हुए कहा कि कि राज्य इस तरह की याचिका कैसे दायर कर सकती है।
शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल के स्कूलों में करोड़ों रुपये के कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी की भूमिका की जांच करने की 26 मई को सीबीआई और ईडी को अनुमति दी थी।
इससे पहले इसी मामले में उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 22 मई को एकल पीठ के पिछले आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
अदालत ने तब न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा पारित 21 अप्रैल 2023 के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था और बाद में न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा द्वारा 12 मई 2023 के फैसले द्वारा संशोधित किया गया था।
बीरेंद्र.संजय
वार्ता