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झारखंड में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों की पंजीकृत संख्या करीब 10 लाख, 38 लाख को रोजगार : जीतन राम मांझी

रांची, 11 सितंबर । केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि झारखंड में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों की पंजीकृत संख्या लगभग 10 लाख हो गयी है, जिसमें 38 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। पूरे देश में 20 प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना की जा रही है, जिसमें से एक का आज झारखंड राज्य के बोकारो जिले में स्थापना के लिए वर्चुअल मोड में शिलान्यास किया गया है, जिसकी अनुमानित लागत 200 करोड़ रुपये है।

ये प्रौद्योगिकी केंद्र राज्य के एमएसएमई इकाईयों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। साथ ही युवाओं के कौशल विकास के लिए कार्य करेगा ताकि उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि हो सके। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार द्वारा को आर्यभट्ट सभागार, रांची विश्वविद्यालय, रांची (झारखंड) में “एमएसएमई कॉनक्लेव तथा पीएम विश्वकर्मा कार्यशाला” का आयोजन किया गया।

कार्यशाला मेंजीतन राम मांझी बताैर मुख्य अतिथि संबाेधित कर रहे थे।

उन्हाेंने कहा कि पूरे देश में स्थापित हो रहे 100 विस्तार केंद्रों में से दाे विस्तार केंद्र की स्थापना झारखण्ड राज्य के आईएसएम, धनबाद एवं झारखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय, रांची में किये जाने की स्वीकृति एमएसएमई मंत्रालय द्वारा दी गई है। ये विस्तार केंद्र एमएसएमई इकाईयों की आवश्यकतानुसार तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे और कौशल विकास कार्यक्रम चलायेंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि पांच वर्षों में 30 लाख विश्वकर्माओं को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य मिला था जबकि मात्र एक वर्ष के कम समय में ही 2.45 करोड़ लोग इस योजना से जुड़ चुके हैं।

कॉन्क्लेव में डॉ रजनीश, अपर सचिव एवं विकास आयुक्त, एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार, जितेन्द्र कुमार सिंह, सचिव, उद्योग विभाग, झारखण्ड सरकार, मर्सी एपाओ संयुक्त सचिव, आरके राय अतिरिक्त विकास आयुक्त, एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार आदि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर जितेन्द्र कुमार सिंह, सचिव, उद्योग विभाग, झारखण्ड सरकार ने झारखंड सरकार द्वारा एमएसएमई उद्यमियों के विकास के लिए चलायी जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया व इस कॉनक्लेव में भाग ले रहे प्रतिभागियों से भारत सरकार की योजनाओं की जानकारी लेने एवं उनका लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।

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