आरजीकर मामला : सात नर्सिंग स्टाफ को सीबीआई ने पूछताछ के लिए तलब किया
कोलकाता। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वारदात की रात ड्यूटी पर मौजूद सात नर्सिंग स्टाफ को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। यह समन गुरुवार को जारी किए गए और उन्हें जल्द से जल्द, संभव हो तो दोपहर तक, साल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।
इस बीच, इस सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट को पीड़िता के माता-पिता की उस याचिका पर सुनवाई करने की अनुमति दी है, जिसमें उन्होंने सीबीआई की जांच की प्रगति पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई से बच रहा था, क्योंकि यह मामला शीर्ष अदालत में लंबित था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से हाईकोर्ट और विशेष अदालत दोनों में सुनवाई जारी रह सकती है।
सीबीआई के इस कदम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पीड़िता के माता-पिता को सात महीने की लंबी मशक्कत के बाद बुधवार को आखिरकार उनकी बेटी का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम खुद उनके घर गए और प्रमाण पत्र सौंपा।
सीबीआई पहले ही इस मामले में एक पूरक आरोप पत्र दाखिल करने की घोषणा कर चुकी है, जिसमें कोलकाता पुलिस की प्रारंभिक जांच के दौरान साक्ष्यों से छेड़छाड़ की आशंका को उजागर किया जाएगा। पीड़िता के माता-पिता लगातार यह आरोप लगाते रहे हैं कि वारदात की रात वहां मौजूद डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ से अब तक कोई पूछताछ नहीं की गई। सीबीआई पर इस मामले की जांच में घोर लापरवाही के आरोप भी लगे हैं।
गौरतलब है कि सीबीआई पहले ही इस मामले में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला थाना के पूर्व थानाध्यक्ष अभिजीत मंडल को साक्ष्य से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि, 90 दिनों के भीतर सीबीआई उनके खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पाई, जिसके चलते दोनों को जमानत मिल गई।
इससे पहले विशेष अदालत ने संजय रॉय को दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, सीबीआई इस फैसले को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दे चुकी है और आरोपित के लिए मृत्युदंड की मांग कर रही है।