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महागठबंधन में दरार, छतरपुर, विश्रामपुर और हुसैनाबाद सीट पर दोस्ताना संघर्ष

पलामू, 25 अक्टूबर ।विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर महागठबंधन की नीति और सिद्धांत पलामू सहित झारखंड के कई विधानसभा सीटों पर दरकिनार हो गए हैं। विश्रामपुर, छतरपुर और हुसैनाबाद विधानसभा सीट से कांग्रेस और राजद उम्मीदवार आमने-सामने हो गए हैं। हुसैनाबाद से उम्मीदवार कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ेगा, लेकिन उनकी पहचान कांग्रेस नेता के रूप में बनी रही है।

विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल का विरोध शुरू से रहा है। शुरुआत में सात सीट दिए जाने के बाद राजद नेता खफा हो गए थे। हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और तेजस्वी यादव के बीच वार्ता के बाद छह सीटें राष्ट्रीय जनता दल को देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन प्रथम चरण के नामांकन खत्म होते-होते बात बिगड़ गयी। बात अगर पलामू की करें तो यहां विश्रामपुर, छतरपुर और हुसैनाबाद से महागठबंधन के कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतर गए हैं। उनके बीच दोस्ताना संघर्ष होगा।

उम्मीदवार उतारने की शुरुआत कांग्रेस ने की। राष्ट्रीय जनता दल द्वारा विश्रामपुर सीट से नरेश सिंह को टिकट दिए जाने के कुछ दिन बाद और नामांकन के एक दिन पहले कांग्रेस ने इस सीट से सुधीर कुमार चंद्रवंशी को अपना उम्मीदवार बना दिया। इसी तरह छतरपुर सीट कांग्रेस को देने के बाद नामांकन के अंतिम दिन राष्ट्रीय जनता दल द्वारा यहां से पूर्व प्रत्याशी विजय राम को उम्मीदवार बना दिया गया। कांग्रेस इस सीट से पूर्व विधायक राधा कृष्ण किशोर को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2019 के चुनाव में राधा कृष्ण किशोर आजसू पार्टी से उम्मीदवार थे, जबकि विजय राम राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए दूसरे स्थान पर रहे थे।

इसी तरह हुसैनाबाद विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव के उम्मीदवार घोषित होने के बाद नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस नेता एम तौसीफ ने नामांकन पर्चा भर दिया। हालांकि उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है।

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