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पीएसएलवी-सी56/डीएस-एसएआर मिशन के सफल प्रक्षेपण में एयरोस्पेस फर्म की भूमिका

चेन्नई, 30 जुलाई : तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की एक समर्पित घरेलू निजी एयरोस्पेस कंपनी अनंत टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड।
लिमिटेड (एटीएल) ने श्रीहरिकोटा से रविवार को लॉन्च हुए पीएसएलवी-सी56/डीएस-एसएआर मिशन में योगदान दिया है।
गौरतलब है कि देश में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोगों के प्रसार को बढ़ाने तथा इसके लाभों को पूरी तरह से प्राप्त करने के लिए और देश की समग्र अंतरिक्ष-आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने हेतु केंद्र सरकार ने अपनी गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में निजी उद्योगों की भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोल दिया है।
छह सह-उपग्रहों के साथ प्राथमिक डीएस-एसएआर उपग्रह को ले जाने वाला समर्पित वाणिज्यिक पीएसएलवी-सी56 मिशन 30 जुलाई को सुबह साढ़े छह बजे प्रथम लॉन्च पैड से उड़ान भरने के बाद सफलतापूर्वक अपना मिशन पूरा किया गया।
एटीएल (जो इसरो के सभी लॉन्च वाहन और उपग्रह मिशनों में योगदान दे रहा है) ने नेविगेशन इंटरफेस मॉड्यूल, इनर्शियल सेंसिंग यूनिट, इंट्रा-मॉड्यूल हार्नेस, कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स, पायरो नियंत्रण प्रणाली, ट्रैकिंग ट्रांसपोंडर, पावर सिस्टम आदि सहित कई एवियोनिक्स पैकेजों की प्राप्ति में पीएसएलवी-सी56 लॉन्च वाहन के लिए योगदान दिया है।
एटीएल की यहां एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अलावा इसने आईसीयू -2, आईएसएमयू, टीईएक्स, सीएएफ 3, एसएआरयू, आरबीबी -15 के, क्वाड एसबीयू-एफबी, बीएस टीवी / आरसीएस पीएसएम, एसएआरबी और अन्य वाहन इंटरफेस इकाइयों सहित इंटरफेस पैकेज का एहसास किया।
बयान में कहा गया है कि पीएसएलवी उप-असेंबली के इंटीग्रेटर के रूप में एटीएल को अपनी भूमिका पर बहुत गर्व है। एटीएल ने कहा, “पीएसएलवी के लिए सब-असेंबली एकीकरण का महत्वपूर्ण कार्य सौंपी गई। एकमात्र फर्म के रूप में हमने पीएसएलवी-सी56 सहित पांच पीएसएलवी मिशनों के लिए इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है।”
एटीएल के संस्थापक एवं मुख्य महाप्रबंधक (सीएमडी) डॉ. सुब्बा राव पावुलुरी ने कहा, “यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष अभियानों की सफलता में योगदान देने में हमारी टीम की विशेषज्ञता और समर्पण का प्रमाण है।”
उन्होंने कहा कि एटीएल एक समर्पित एयरो-स्पेस कंपनी के रूप में देश के अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों और अन्य रणनीतिक कार्यक्रमों में देश के ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनने के संकल्प में सह-यात्री के रूप में आगे बढ़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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