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झारखंड के छतरपुर विधानसभा में ‘चौधरी’ या ‘देवी’ का राज, या फिर कोई नया ‘किशोर’? JMM को कभी नहीं मिली जीत

  • विधायक पुष्पा देवी को पार्टी के अंदर ही मिल रही चुनौती
  • पांच बार विधायक रहे राधाकृष्ण किशोर फिर से उतरेंगे मैदान
  • जेडीयू की दावेदारी, सुधा चौधरी को 2009 में मिली थी जीत

छतरपुरः झारखंड के पलामू जिले में अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित छतरपुर विधानसभा सीट पर जेडीयू की ओर से दावेदारी की जा रही है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी की बहन सुधा चौधरी यहां से 2009 में चुनाव जीत चुकीं हैं। वहीं वर्ष 2024 के विधानसभा में बीजेपी की सिटिंग विधायक पुष्पा देवी के अलावा रिटायर इंजीनियर गणेश कुमार समेत कई अन्य नेताओं की ओर से दावेदारी की जा रही है। छतरपुर सीट से अब तक जेएमएम को कभी जीत नहीं मिल सकी है।

  • विधायक पुष्पा देवी को पार्टी के अंदर ही मिल रही चुनौती

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की पुष्पा देवी ने जीत हासिल की। पुष्पा देवी को 64,127 वोट मिले। जबकि आरजेडी प्रत्याशी विजय कुमार को 37,335 वोट मिले। वहीं चार बार विधायक रहे आजसू पार्टी उम्मीदवार राधाकृष्ण किशोर को 16,081 वोट मिले। इस बार पुष्पा देवी को पार्टी के अंदर ही चुनौती मिल रही है। बीजेपी के कई नेताओं की ओर से टिकट की दावेदारी पेश की गई है।

  • पांच बार विधायक रहे राधाकृष्ण किशोर फिर से उतरेंगे मैदान

वर्ष 2014, 2005, 1995, 1985 और 1980 में छतरपुर के विधायक रहे राधाकृष्ण किशोर एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार है। राधाकृष्ण किशोर ने 2019 में भी आजसू पार्टी टिकट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें करीब 16 हजार वोट मिले। इस बार आजसू पार्टी और बीजेपी के बीच तालमेल तय है। ऐसे में राधाकृष्ण किशोर किसी नए ठिकाने की तलाश में हैं। वो कांग्रेस, भाजपा, आरजेडी, जेडीयू और आजसू पार्टी में रह चुके हैं।

  • जेडीयू की दावेदारी, सुधा चौधरी को 2009 में मिली थी जीत

छतरपुर विधानसभा सीट पर इस बार जेडीयू की ओर से भी दावेदारी की जा रही है। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू की सुधा चौधरी को जीत मिली। उन्हें 25,854 वोट मिले, जबकि जेएमएम के मनोज कुमार को 16,108 और कांग्रेस उम्मीदवार राधाकृष्ण किशोर को 15,575 वोट मिले।

  • 2005 में भी जेडीयू के राधाकृष्ण किशोर रहे विजयी

इससे पहले 2005 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के राधाकृष्ण किशोर विजयी रहे। राधाकृष्ण किशोर को 39,669 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर रहीं आरजेडी की पुष्पा देवी को 23,234 वोट मिले थे। निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली सुधा चौधरी तीसरे नंबर पर रहीं। उनको 10,399 वोट मिले थे।

  • रिटायर इंजीनियर गणेश कुमार ने टिकट के लिए पत्र लिखा

रिटायर इंजीनियर गणेश कुमार का कहना है कि करीब आठ वर्ष तक छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में सहायक अभियंता के रूप में उन्हें काम करने का मौका। वर्ष 2022 में सेवानिवृत्ति के बाद वो बीजेपी का सक्रिय है। अभियंता के रूप में काम करते हुए उन्हांेने क्षेत्र की समस्याओं को निकटता से देखा। छतरपुर में विकास की काफी संभावना है, लेकिन जिम्मेदारी से काम करने की जरूरह है। इसलिए क्षेत्र के लोग उनपर चुनाव लड़ने का दबाव डाल रहे है। यदि पार्टी की ओर से मौका दिया जाता है, तो वो फिर से छतरपुर-पाटन के इलाके के लोगों के लिए सेवा करने को तैयार है। इसे लेकर उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को भी पत्र लिखा है।

  • पिछले तीन चुनाव में बीजेपी-जेडीयू को मिली जीत

छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में पिछले तीन चुनाव में बीजेपी और जेडीयू को मिली। वर्ष 2009 में जेडीयू की सुधा चौधरी को जीत मिली, वहीं वर्ष 2014 में बीजेपी के राधाकृष्ण किशोर और 2019 में पुष्पा देवी को जीत मिली।

  • कांग्रेस तीन और भाजपा दो बार जीती

छतरपुर विधानसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आयी। पहली बार जनता पार्टी के जोरावर राम विधायक चुने गए। इसके बाद 1980 और 1985 में कांग्रेस के राधाकृष्ण किशोर को जीत मिली। जबकि 1990 में जनता दल के लक्ष्मण राम विजयी रहे। इसके बाद 1995 में कांग्रेस के राधाकृष्ण, 2000 में आरजेडी के मनोज कुमार, 2005 में जेडीयू टिकट पर और 2014 में बीजेपी टिकट राधाकृष्ण किशोर विजयी रहे। इससे पहले 2009 में जेडीयू की सुधा चौधरी और 2019 में बीजेपी की पुष्पा देवी को जीत मिली।

साभार : नवभारत टाइम्स

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