साध्वी ऋतंभरा भारतीय संस्कृति को पहुंचा रही है विदेशों तक: ओम बिरला
मथुरा, 6 अक्टूबर : लेाकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि साध्वी ऋतंभरा जिस प्रकार से ऐसे बच्चों का मां के रूप में पालन पोषण कर रही हैं जिनका समाज में कोई नही है प्रशंसनीय और प्रेरणादायक है।
वात्सल्य ग्राम वृन्दावन में रविवार को आयोजित द्विदिवसीय नेत्र चिकित्सा शिविर के समापन मे मरीजों को चश्मे, दवाइयों आदि का वितरण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री बिरला ने कहा कि वृन्दावन, गोवर्धन एवं बांकेबिहारी की यह धरती आध्यात्मिक धर्म की धरती है। उन्होने कहा कि साध्वी ऋतंभरा नेत्र शिविर के साथ ऐसे कई सामाजिक ,मानव कल्याण के कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा “ नर सेवा नारायण सेवा है। अपने आध्यात्मिक धर्म , ज्ञान और संस्कृति से साध्वी ऋतंभरा दुनिया में भारतीय संस्कृति को पहुंचा रही हैं। उनके इस प्रकार के कार्य से समाज को न केवल प्रेरणा मिलती है बल्कि नई दिशा मिलती है तथा एक ऐसे समाज का निर्माण होता है जहां सत्य होता है नैतिकता होती है और चुनौतियों से लड़ने का साहस और ऊर्जा मिलती है।’’
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि नवरात्रि का पर्व शक्ति अर्जित करने का पर्व है। मां के दरबार म लोगों को इसी प्रकार की सेवा और समर्पण की शक्ति मिले यही मेरी कामना है। मां के अलग अलग स्वरूपों में होनेवाली पूजा से सारा समाज प्रेरणा ले यही इस पर्व का संदेश है।
लोकसभा अध्यक्ष ने मुम्बई से आए डाॅ़ श्याम अग्रवाल की भी प्रशंसा की जिन्होंने पिछले 25 साल से लगातार वात्सल्य ग्राम में आकर 22 हजार से अधिक रोगियों के नेत्र आपरेशन किये। उनका कहना था कि यदि ये आपरेशन न किये गए होते तो संभवतः कुछ लोगों की नेत्र ज्योति ही चली जाती।
इस अवसर पर बोलते हुए साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि नेत्र शिविर की रजत जयंती में लोकसभा अध्यक्ष बिरला के आने से कार्यक्रम और अधिक सफल हो गया । उनका कहना था कि शिविर की सफलता का श्रेय डा0 श्याम अग्रवाल को जाता है जो पिछले 25 वर्षों से लगातार अपनी दो दर्जन से अधिक की टीम लेकर मुम्बई से आते हैं और शिविर में मोतियाबिन्द के आपरेशन करते हैं। इस साल उन्होंने 280 रोगियों के मोतियाबिन्द के आपरेशन किये।
कार्यक्रम में माट विधायक राजेश चौधरी, बल्देव विधायक पूरन प्रकाश, अमेरिका परम शक्ति पीठ के पूर्व अध्यक्ष शेखर रेड्डी, पूर्व मंत्री रविकांत गर्ग, भाजपा महानगर अध्यक्ष घनश्याम लोदी आदि भी मौजूद रहे।