समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी पर रोक की अवधि 8 जून तक बढ़ी
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मुंबई। बाम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की रंगदारी मामले में गिरफ्तारी की अवधि 8 जून तक बढ़ा दिया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में समीर वानखेड़े को कोर्ट की कार्यवाही की जानकारी मीडिया को न देने ,सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने और जांच कार्य में सहयोग करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और एनसीबी को 3 जून तक मामले से संबंधित जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
समीर वानखेड़े के विरुद्ध सीबीआई ने फिल्म अभिनेता शाहरुक खान के बेटे आर्यन खान पर रंगदारी की रकम न मिलने पर झूठा मामला दर्ज करने, आय से अधिक संपत्ति , महंगी घड़ी , विदेश दौरे आदि आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। इसी मामले को रद्द करवाने के लिए समीर वानखेड़े ने बाम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस मामले की सुनवाई पिछले शुक्रवार को हाई कोर्ट में हुई थी और कोर्ट ने समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी पर आज तक के लिए रोक लगाई थी। इसी मामले की सुनवाई आज न्यायमूर्ति अभय आहूजा और न्यायमूर्ति एम एम साठ्ये की अवकाश पीठ के समक्ष हुई । कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 8 जून तक के लिए स्थगित कर दी और तक तक समीर वानखेड़े को गिरफ्तार न किए जाने का निर्देश संबंधित जांच एजेंसी को दिया है।
उल्लेखनीय है कि समीर वानखेड़े की टीम ने 2 अक्टूबर, 2021 को मुंबई से गोवा जा रही द कार्डिलिया क्रूज शिप पर छापा मारा था। इसके बाद समीर वानखेड़े की टीम ने इस क्रूज शिप ड्रग मामले में 3 अक्टूबर, 2021 को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। उस समय समीर वानखेड़े की टीम पर आर्यन खान को गिरफ्तारी से बचने के लिए 25 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगा था। इसके बाद एनसीबी ने इस आरोप की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एनसीबी एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही सीबीआई ने समीर वानखेड़े सहित चार लोगों के विरुद्ध प्रीवेंशन आफ करप्सन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और समीर वानखेड़े के घर पर छापेमारी भी की थी।