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चार जुलाई को वर्चुअल होगा एससीओ शिखर सम्मेलन

नयी दिल्ली, 30 मई : शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद का 22वां शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आगामी चार जुलाई को वर्चुअल रूप से यहां आयोजित किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय ने यहां मंगलवार को यह जानकारी दी। भारत ने गत वर्ष 16 सितंबर को समरकंद में आयोजित शिखर सम्मेलन में एससीओ की अध्यक्षता ग्रहण की थी। भारत की पहली अध्यक्षता के तहत, एससीओ परिषद के राष्ट्राध्यक्षों का 22वां शिखर सम्मेलन आगामी चार जुलाई को आभासी प्रारूप में आयोजित किया जाएगा।

सभी एससीओ सदस्य देशों अर्थात चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक राज्यों के रूप में आमंत्रित किया गया है। एससीओ की परंपरा के अनुसार, तुर्कमेनिस्तान को भी अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। दो एससीओ निकायों – सचिवालय और एससीओ आरएटीएस के प्रमुख भी उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों संयुक्त राष्ट्र, आसियान, सीआईएस, सीएसटीओ, ईएईयू और सीआईसी के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार एससीओ शिखर सम्मेलन का विषय ‘एक सुरक्षित एससीओ की ओर’ है। 2018 एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री द्वारा सुरक्षित परिवर्णी शब्द गढ़ा गया था और सुरक्षा के लिए खड़ा था; अर्थव्यवस्था और व्यापार; कनेक्टिविटी; एकता; संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता के लिए सम्मान; और पर्यावरण। एससीओ की हमारी अध्यक्षता के दौरान इन विषयों पर प्रकाश डाला गया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने इसकी अध्यक्षता में सहयोग के नए स्तंभ स्थापित किए हैं – स्टार्टअप और इनोवेशन; पारंपरिक औषधि; डिजिटल समावेशन; युवा अधिकारिता; और साझा बौद्ध विरासत। इसके अलावा, भारत ने लोगों के बीच अधिक से अधिक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है जो हमारे देशों के बीच ऐतिहासिक और सभ्यतागत बंधनों का जश्न मनाते हैं। इनमें 2022-23 के लिए पहली बार एससीओ सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के ढांचे के तहत वाराणसी द्वारा आयोजित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं।

एससीओ की भारत की अध्यक्षता सदस्य देशों के बीच गहन गतिविधि और पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग की अवधि रही है। भारत ने 14 मंत्रिस्तरीय बैठकों सहित कुल 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की है।भारत ने संगठन में एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।

सचिन,आशा

वार्ता

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