दस हजार करोड़ रुपये से अधिक के हथियारों की स्वदेशी कंपनियों से खरीद के सौदे पर मुहर
नयी दिल्ली, 06 फरवरी: सरकार ने सेना के तोपखाने को मजबूत बनाने के उद्देश्य से दस हजार करोड़ रुपये से अधिक के हथियारों की स्वदेशी कंपनियों से खरीद के सौदे पर आज मुहर लगा दी।
रक्षा मंत्रालय ने पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (एमएलआरएस) के लिए एरिया डेनियल म्यूनिशन (एडीएम) टाइप-1 (डीपीआईसीएम) और हाई एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैगमेंटेड (एचईपीएफ) एमके-1 (एन्हांस्ड) रॉकेट की खरीद के लिए इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड (ईईएल) तथा म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) के साथ अनुबंध पर आज हस्ताक्षर किए। इसके अलावा, शक्ति सॉफ्टवेयर में उन्नयन के लिए भी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षरित अनुबंधों के अनुसार इस सौदे की कुल लागत 10,147 करोड़ रुपये है।
पिनाका एमएलआरएस के एडीएम टाइप-1 में एक विशेष वारहेड है, जो यंत्रीकृत बलों, वाहनों और कार्मिकों को लक्षित करके बड़े क्षेत्र में तथा भारी मात्रा में गोला-बारूद फेंक सकता है, जिससे दुश्मन को विशिष्ट क्षेत्रों पर कब्जा करने से रोका जा सकता है।
एचईपीएफ एमके-1 (ई) रॉकेट मौजूदा एचईपीएफ रॉकेटों का उन्नत संस्करण है, जिसकी मारक क्षमता बढ़ी है और यह दुश्मन के इलाके में काफी भीतर तक सटीकता और तेज मारक क्षमता के साथ हमला कर सकता है।
सूत्रों के अनुसार यह खरीद भारत के रक्षा बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और स्वदेशी उद्योगों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एडीएम टाइप-1 (डीपीआईसीएम) और एचईपीएफ एमके-1 (ई) रॉकेटों की खरीद आर्टिलरी रॉकेट रेजिमेंटों के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। ये उन्नत एडीएम (डीपीआईसीएम) और एचईपीएफ गोला-बारूद सटीक तथा लंबी दूरी के हमलों को सक्षम करके भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन परियोजनाओं में राष्ट्रीय रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के अलावा, अन्य उपकरणों के विनिर्माण के माध्यम से भारतीय एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।