पुंछ हमले के बाद लोगों को ‘प्रताड़ित’ कर रहे हैं सुरक्षा बल: महबूबा

श्रीनगर, 29 अप्रैल : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पुंछ में हुए हमले के बाद पुंछ और राजौरी जिलों के लोगों को सुरक्षा बलों द्वारा प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को हमले की गहन जांच की मांग की।

सुश्री मुफ्ती ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहाकहा, “जैसा कि सत्य पाल मलिक (जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल) ने कहा कि 2019 में जब पुलवामा हमला हुआ था, तब उन्हें चुप रहने के लिए कहा गया था, इसलिए, इस बार यह उम्मीद की जाती है कि जांच एजेंसियां ​​इस बात की गहराई से जांच करेंगी कि सेना की इतनी बड़ी उपस्थिति के बावजूद एक सुरक्षित क्षेत्र में (पुंछ) हमला कैसे हुआ।”

उन्होंने कहा कि पुंछ और राजौरी के लोग सबसे शांतिपूर्ण हैं और उन्होंने कभी बंदूकों का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा, “मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या आप जानबूझकर उन्हें ऐसा रास्ता चुनने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिसके परिणाम हमारे लिए बुरे होंगे?”

पीडीपी प्रमुख ने कहा, “सेना पर हमला एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमले के बाद, उत्पीड़न होता है और लोगों को गिरफ्तार किया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है और पूछताछ की जाती है।”

उन्होंने मुख्तार शाह नामक एक व्यक्ति की मौत की जांच की भी मांग की, जिसने मामले की पूछताछ के लिए पुलिस द्वारा बुलाये जाने के बाद जहर खाकर जान दे दी। उन्होंने कहा कि पुंछ के बटादुरिया इलाके के रहने वाले मुख्तार शाह को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया और फिर कहा गया कि उसने आत्महत्या कर ली है।

सुश्री मुफ्ती ने कहा, “उसका परिवार कह रहा है कि अगर वह पुलिस या सेना की हिरासत में था, तो वह आत्महत्या कैसे कर सकता था?”

उन्होंने कहा, “शाह का एक कथित वीडियो सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं कि वह तंग आ गए थे क्योंकि उनके परिवार, दोस्तों और ग्रामीणों को परेशान किया गया था, इसकी जांच होनी चाहिए।”

पीडीपी प्रमुख ने कहा कि अगले महीने श्रीनगर में होने वाली जी20 बैठक से पहले सुरक्षा बलों ने सैकड़ों स्थानीय युवाओं को उठा लिया है। उन्होंने कहा कि जी-20 बैठक के कारण दक्षिण कश्मीर के सैकड़ों युवाओं को जेलों में डाल दिया गया है।

उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में स्थिति ग्वांतानामो की खाड़ी से भी बदतर है। उन्हें (सरकार को) जी-20 कार्यक्रम करने दीजिए, लेकिन युवाओं को गिरफ्तार क्यों किया जा रहा है?”

यामिनी,आशा

वार्ता

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