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शाह ने पुलिस अधिकारियों से पूर्वी सीमाओं पर उभरती सुरक्षा चुनौतियों पर विशेष ध्यान देने को कहा

नयी दिल्ली 29 नवम्बर : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यों में पुलिस के शीर्ष नेतृत्व से देश की पूर्वी सीमाओं पर उभरती सुरक्षा चुनौतियों, आप्रवासन और शहरी पुलिसिंग जैसे विषयों पर विशेष ध्यान देने को कहा है।
श्री शाह ने शुक्रवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के 59वें सम्मेलन का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दूसरे और तीसरे दिन सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। यह सम्मेलन, हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है और इसमें सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस प्रमुख तथा केन्द्रीय पुलिस बलों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही देशभर से अनेक पुलिस अधिकारी वर्चुअल तौर पर इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। आज हुई चर्चाओं में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्यमंत्रियों और केंद्रीय गृह सचिव ने भी हिस्सा लिया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किए और केन्द्रीय गृह मंत्रालय की पुस्तक ”रेंकिंग ऑफ पुलिस स्टेशन 2024” का विमोचन भी किया। उन्होंने देश के तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों को भी ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया।
उन्होंने इस वर्ष आम चुनावों को शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न कराने और तीन नए आपराधिक क़ानूनों को निर्बाध रूप से लागू करने के लिए पुलिस नेतृत्व को बधाई दी। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति में हुए सुधार जैसी महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर संतोष प्रकट किया।
उन्होंने कहा कि देश की पूर्वी सीमाओं पर उभरती सुरक्षा चुनौतियों, आप्रवासन और शहरी पुलिसिंग के ट्रेंड्स जैसे विषयों पर फोकस होना चाहिए। श्री शाह ने जीरो टोलरेंस पॉलिसी के क्रियान्वयन के लिये जीलो टोलरेंस स्ट्रेटजी और जीरो टोलरेंस एक्शन की दिशा में पहल करने का आह्वान किया।
अगले दो दिनों के दौरान देश का शीर्ष पुलिस नेतृत्व, मौजूदा एवं उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक खाका तैयार करेगा जिनमें वामपंथी उग्रवाद, तटीय सुरक्षा, नारकोटिक्स, साइबर अपराध और आर्थिक सुरक्षा जैसे विषय शामिल हैं। इसके साथ ही तीन नए आपराधिक क़ानूनों के क्रियान्वयन की प्रगति तथा पुलिसिंग से जुड़ी सर्वोत्तर प्रथाओं की भी समीक्षा की जाएगी।

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