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कश्मीर के बच्चों से मिले शाह, बोले परिजनों के साथ जाकर अमन,शांति व विकास की बात करें

नयी दिल्ली 24 फरवरी : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को यहां जम्मू-कश्मीर से आये बच्चों के साथ बातचीत की और उनसे वापस जाकर अपने परिजनों तथा सगे संबंधियों के साथ गांवों में अमन , शांति और विकास के बारे में बातचीत करने का आह्वान किया जिससे कि केन्द्र शासित प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में आयी शांति को स्थायी शांति में बदला जा सके।
श्री शाह ने वतन को जानों कार्यक्रम के तहत दिल्ली यात्रा पर आये केन्द्र शासित प्रदेश के करीब ढाई सौ बच्चों से बातचीत की। उन्होंने बच्चों से कहा,“वे वापिस जाकर अपने गांव में माता-पिता, भाई-बहन, दोस्तों, सगे-संबंधियों और अपने गांव में अमन, शांति और विकास की बात करें। यह देश सभी का है और ये विश्वास पूरे जम्मू-कश्मीर की जनता को दिलाना है।”
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के शासन में जम्मू कश्मीर में आई शांति को स्थायी शांति में परिवर्तित करना है। उन्होंने कहा कि कोई सरकार जम्मू-कश्मीर में शांति नहीं रख सकती, सिर्फ बच्चे ही ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा,“अगर जम्मू-कश्मीर का हर बच्चा अपने माता-पिता और पड़ोसियों यह समझाए कि पूरा देश हमारा है, हमें सबके साथ अमन-शांति के साथ रहकर यहां से दहशतगर्दी को निकालना है तो पुलिस या सेना की ज़रूरत ही नहीं रहेगी।” उन्होंने कहा कि वो दिन अब दूर नहीं है क्योंकि जब किसी के हाथ में हथियार ही नहीं होगा तो हथियारों के साथ पुलिस या सेना की ज़रूरत भी नहीं होगी।
संवाद के दौरान श्री शाह ने कहा कि ‘वतन को जानो’ कार्यक्रम हमारे देश को पहचानने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि हमारा देश हमारा घर है और जिस तरह हम अपने पूरे घर को जानते हैं वैसे ही हमें पूरे देश को जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसीलिए भारत सरकार ने वतन को जानो कार्यक्रम बनाया।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धारा 370 को ख़त्म कर पूरे वतन को एक कर दिया और अब कश्मीर के बच्चों का भी देश पर उतना ही अधिकार है जितना किसी अन्य प्रदेश के बच्चों का है।
श्री शाह ने कहा कि विकास तभी आ सकता है जब शांति होती है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से किसी का फायदा नहीं है। पिछले 30 साल में कश्मीर में 38 हज़ार लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में नागरिकों की मृत्यु में 80 प्रतिशत की कमी आई है और इससे लोग खुश हैं, लेकिन असली खुशी तब होगी जब जम्मू कश्मीर के एक भी नागरिक की जान ने जाए। गृह मंत्री ने कहा कि दहशतगर्दी से जम्मू-कश्मीर के एक भी व्यक्ति की जान न जाए, ऐसा जम्मू-कश्मीर बनाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा ऐसा जम्मू कश्मीर बनाने की ज़िम्मेदारी बच्चों और युवाओं की है।
उन्होंने ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में इतना विकास किया है जिसके कारण बहुत सारी संभावनाएं और अवसर युवाओं और बच्चों की राह देख रही हैं और उन्हें इन मौकों का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबको जम्मू-कश्मीर में आई शांति को स्थायी शांति में परिवर्तित करना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के 9-18 आयु वर्ग के 62 लड़कियों और 188 लड़कों सहित कमजोर वर्गों के 250 बच्चों ने गृह मंत्रालय के समन्वय में जम्मू-कश्मीर सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित ‘वतन को जानो’ कार्यक्रम के तहत जयपुर, अजमेर और दिल्ली का दौरा किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव और निदेशक, आसूचना ब्यूरो उपस्थित थे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के युवाओं और बच्चों को देश के जीवंत विकास, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराना है, ताकि वे सामाजिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करें।

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