बाढ़ समस्याओं को कम करने के लिए व्यापक नीति तैयार करने पर बल दिया शाह ने
नयी दिल्ली 02 जून : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मानसून से पहले देश में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को यहां एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें स्थानीय बाढ़ समस्याओं को कम करने के उद्देश्य से एक व्यापक नीति तैयार करने पर भी बल दिया गया।
गृह मंत्री ने कहा कि देश में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई प्रयास हो रहे हैं जिनसे आपदा के दौरान जान-माल के नुकसान को कम से कम करने में मदद मिल सकेगी। उन्होंने मौसम संबंधी भविष्यवाणी अगले मॉनसून तक मौजूदा पांच से बढ़ाकर सात दिन करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे बाढ़ प्रबंधन और बेहतर हो सके।
श्री शाह ने बाढ़ और आपदा संबंधी जानकारी का विश्लेषण करने के लिए गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को अगले वर्ष तक एक कॉमन सॉफ्टवेयर विकसित करने के निर्देश दिए जिससे भविष्यवाणी करने वाली एजेंसी को तत्काल वैज्ञानिक डेटा मिलेगा जिसका उपयोग आपदा प्रबंधन ऐजेंसियां कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि इस सॉफ्टवेयर को डेवलप करने में विदेशों की विशेषज्ञ ऐजेंसियों की मदद भी ली जाए। सरकार की आपदा मित्र योजना में गांवों में उपलब्ध परंपरागत गोताखोरों को भी बचाव का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री ने अधिकारियों को देश के प्रमुख जलग्रहण क्षेत्रों में बाढ़ और जलस्तर में वृद्धि की भविष्यवाणी के लिए एक स्थायी प्रणाली बनाने के लिए केन्द्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय मजबूत करने के प्रयास जारी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि बाढ़ के मौसम के दौरान नदी के स्तर की प्रति घंटे निगरानी की जानी चाहिए और तटबंधों की निगरानी, बचाव, अस्थायी आश्रयों सहित उचित उपाय किए जाने चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग और केंद्रीय जल आयोग जैसे विशिष्ट संस्थानों को मौसम और बाढ़ के अधिक सटीक पूर्वानुमान के लिए अपनी तकनीकों का उन्नयन जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिजली गिरने के बारे में विभिन्न माध्यमों से चेतावनी जनता तक समय पर पहुंचनी चाहिए।
श्री शाह ने कहा कि ‘उमंग’, ‘रेन अलार्म’ और ‘दामिनी’ जैसे मौसम पूर्वानुमान से संबंधित विभिन्न मोबाइल ऐप का लाभ लक्षित आबादी तक पहुंचाने के लिए इनका अधिक से अधिक प्रचार किया जाना चाहिए। ‘दामिनी’ ऐप बिजली गिरने से तीन घंटे पहले इसकी चेतावनी देती है जिससे जान-माल के नुकसान को कम करने में मदद मिल सकती है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे जनजागरुकता कार्यक्रमों में एकरूपता होनी चाहिए और अधिकतम प्रभाव के लिए इसका एकीकरण किया जाना चाहिए ।
संजीव अशोक
वार्ता