सिद्दारमैया ने स्वंय को बदले की राजनीति का निशाना बताया
बेंगलुरु 24 सितंबर : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मंगलवार को खुद को बदले की राजनीति का निशाना बताते हुए कहा कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता की जांच की अनुमति निर्धारित करने के लिए वह कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करेंगे।
मुख्यमंत्री का यह बयान कर्नाटक उच्च न्यायालय की ओर से उनकी याचिका को खारिज किए जाने के बाद आया है, जिसमें राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा उनकी पत्नी को 14 मुडा साइटों के आवंटन से संबंधित कथित अनियमितताओं पर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को चुनौती दी गयी थी।
श्री सिद्दारमैया ने घोटाले की जांच के मुद्दे पर उच्च न्यायालय से झटका लगने से बढ़ती कानूनी चुनौतियों को नरेन्द्र मोदी नीत भाजपा सरकार की बदले की राजनीति के खिलाफ व्यापक संघर्ष का हिस्सा बताया। उन्होंने जोर दिया कि कांग्रेस भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) की ओर से राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में वर्णित इस कार्रवाई का डटकर मुकाबला करेगी।
उन्होंने सभी उपलब्ध कानूनी रास्ते तलाशने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए जोर दिया, “मैं जांच करने में संकोच नहीं करूंगा। मुझे विश्वास है कि अगले कुछ दिनों में सच्चाई सामने आ जायेगी और 17ए के तहत जांच रद्द कर दी जायेगी।” उन्होंने कर्नाटक के लोगों से मिले भारी समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा, “राज्य के लोग इस राजनीतिक संघर्ष में मेरे पीछे खड़े हैं। उनका आशीर्वाद ही मेरी सुरक्षा है।”
न्यायिक प्रणाली में अपने विश्वास को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं। इस लड़ाई में आखिरकार सच्चाई की जीत होगी। हमारी पार्टी और कांग्रेस हाईकमान के सभी विधायक, नेता और कार्यकर्ता मेरे साथ खड़े हैं और मुझे लड़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया है।”