सीबीआई मामले में केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र सुनवाई के संकेत
नयी दिल्ली, 12 अगस्त : उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली आबकारी नीति कथित घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली उनकी (मुख्यमंत्री) याचिका पर शीघ्र सुनवाई का सोमवार को संकेत दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने विचार करने का संकेत देते हुये वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी और चंद्र उदय सिंह से मामले से संबंधित एक अनुरोध ईमेल के जरिये भेजने को कहा। दोनों अधिवक्ताओं ने ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान श्री केजरीवाल का पक्ष रखते हुये उनकी याचिका को तत्काल सूचीबद्ध का अनुरोध किया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने श्री केजरीवाल के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज मुकदमा रद्द करने और जमानत के लिये दायर उनकी याचिकायें पांच अगस्त को खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की एकल पीठ ने अपना आदेश सुनाते हुये कहा था कि सीबीआई के पास श्री केजरीवाल को गिरफ्तार करने का पर्याप्त कानूनी आधार था।
न्यायमूर्ति कृष्णा ने कहा था, “यह नहीं कहा जा सकता कि गिरफ्तारी बिना किसी न्यायोचित कारण के की गयी।” उच्च न्यायालय ने तब गुण-दोष के आधार पर इस मामले में कोई निर्णय लेने से इनकार कर दिया, लेकिन निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने की छूट दी थी एकल पीठ ने जमानत याचिका पर कहा था कि याचिकाकर्ता को निचली अदालत जाने की छूट है। एकल पीठ के समक्ष सीबीआई के एसपीपी रिपीट एसपीपी डी पी सिंह ने दलील देते हुए कहा था कि आरोपी श्री केजरीवाल भ्रष्टाचार के इस मामले ‘सूत्रधार’ हैं और उनके खिलाफ इस मामले में स्पष्ट सबूत हैं।
ईडी ने 21 मार्च और सीबीआई में 26 जून 2024 को आरोपी मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुकदमे में मार्च से न्यायिक हिरासत में बंद आरोपी मुख्यमंत्री केजरीवाल को अदालत की अनुमति के बाद 25 जून को पूछताछ और फिर 26 जून को गिरफ्तार किया था।
विशेष अदालत ने उसी दिन सीबीआई की गुहार पर उन्हें इस केंद्रीय जांच एजेंसी की तीन दिनों की हिरासत में भेज दिया था। हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद विशेष अदालत ने शनिवार 29 जून को उन्हें 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जिसे अदालत ने आगे बढ़ा दिया।
सीबीआई की ओर से प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती तो श्री केजरीवाल अब तक जेल से रिहा कर दिये गये होते। शीर्ष अदालत ने धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज मुकदमे में श्री केजरीवाल को 12 जुलाई को अंतरिम जमानत दे दी थी।