सीतारमण ने इंदिरा गांधी के उदाहरण के साथ पितृसत्ता को खारिज किया
बेंगलुरु 09 नवंबर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के उदाहरण के साथ भारतीय समाज में ‘पितृसत्ता’ को खारिज किया है।
उन्होंने श्रीमती इंदिरा गांधी और अन्य महिला नेताओं की विरासत की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन्होंने चुनौतियों को पार किया और पितृसत्तात्मक बाधाओं से बाधित हुए बिना उत्कृष्टता हासिल की।
श्रीमती सीतारमण ने शनिवार को यहां जैन (डीम्ड-टू-बी) विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ आयोजित एक संवाद में तर्क दिया कि ‘पितृसत्ता’ जैसे शब्द वामपंथी हलकों में लोकप्रिय हो गए हैं लेकिन अनगिनत भारतीय महिलाओं की उपलब्धियों में इनका आधार नहीं है जिनमें राजनीतिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाएं भी शामिल हैं।
उन्होंने पूछा, ‘श्रीमती इंदिरा गांधी को इस देश की प्रधानमंत्री बनने से किसने रोका।’ उन्होंने अरुणा आसफ अली और सरोजिनी नायडू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का भी उदाहरण दिया जो कथित पुरुष-प्रधान समाज में प्रमुखता से उभरीं।’
उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर व्यक्ति दृढ़ रहें तो उसे सफल होने से रोकना असंभव है निश्चित रूप से भारत जैसे देश में तो बिल्कुल भी नहीं।
उन्होंने इसरो में महिला वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘महिलाएं ऐसे अद्भुत उपग्रह और रॉकेट और अंतरिक्ष यान भेज रही हैं और उनमें से अधिकांश महिलाएं आप और मेरी तरह हैं – साड़ी पहनती हैं, लंबे और बेढंगे बाल रखती हैं। लेकिन वे शानदार काम कर रही हैं।’