एसएलबीसी सुरंग हादसा : पांच दिन बाद घटनास्थल तक पहुंच सकी बचाव टीम, फंसे मजदूरों की अब भी कोई खबर नहीं
हैदराबाद। तेलंगाना के नागरकुरनूल के जिले में एसएलबीसी सुरंग में हुए हादसे को आज पांच दिन हो गए हैं। वहीं एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, सुरंग में फंसे आठ लोगों को बचाने में लगे विशेषज्ञों की एक टीम सुरंग के अंत तक पहुंचने और वापस लौटने में सफल रही है। अब तक टीमें केवल कीचड़ और मलबे के कारण सुरंग के अंत से 50 मीटर पहले तक ही पहुंच पाई हैं। मामले में नागरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने बताया ‘एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रैट माइनर्स की 20 सदस्यीय टीम (सुरंग) के अंतिम बिंदु तक पहुंचने में सफल रही। लेकिन वहां बहुत अधिक मलबा था। वे इस पर काम कर रहे हैं कि कैसे आगे बढ़ना है’।
अधिकारी ने आगे बताया कि, ‘एक दिन पहले वे 40 मीटर (सुरंग के अंत से पहले) तक पहुंचने में सक्षम थे। कल वे उस 40 मीटर तक भी पहुंच गए’। वैभव गायकवाड़ ने आगे कहा कि टीम ने स्थान पर खोज की, लेकिन कल रात कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम ने नमूने एकत्र किए हैं, लेकिन अभी तक मिट्टी की ताकत और अन्य पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।
इससे पहले सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा था कि फंसे हुए लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है, हालांकि सुरंग में लगातार ऑक्सीजन पंप की जा रही है। 22 फरवरी को सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग परियोजना पर काम कर रहे आठ कर्मी फंस गए थे।
कब और कैसे हुआ हादसा?
शनिवार 22 फरवरी की सुबह टनल में 50 लोग काम कर रहे थे। जब वे 13.5 किमी अंदर पहुंचे, तो अचानक छत गिर गई।
42 मजदूर किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे
8 लोग (2 इंजीनियर और 6 मजदूर) अंदर फंस गए।
6 लोग जयप्रकाश एसोसिएट्स कंपनी के कर्मचारी हैं और 2 अमेरिका की एक कंपनी के कर्मचारी हैं।
यह सुरंग 44 किमी लंबी बनाई जा रही है, जो श्रीशैलम प्रोजेक्ट से नलगोंडा जिले में 4 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई के लिए पानी ले जाएगी।
अब तक 34.5 किमी सुरंग पूरी हो चुकी है, जबकि 9.5 किमी का काम बाकी है।
बता दें कि, सुरंग में लगातार कीचड़ और पानी के बहाव के बावजूद भी बुधवार को भारतीय सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, जीएसआई और अन्य एजेंसियों के शीर्ष विशेषज्ञ अपना अभियान जारी रखेंगे।