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सोशल मीडिया अधिक निर्भीक,स्वतंत्र और बेबाक है: अभिषेक सिंघवी

नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर : वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को कहा कि वर्तमान में सोशल मीडिया तुलनात्मक रूप से अधिक निर्भीक, स्वतंत्र और बेबाक है।

श्री सिंघवी ने यहां ऑन लाइन न्यूज चैनल डायनामाइट न्यूज के नौ वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि परम्परागत मीडिया पर पक्षपाती ऐंकर, चीखते हुये पैनलिस्ट और एकतरफा मत रखने वाले लोगों की भागीदारी से प्रस्तुत होने वाले कार्यक्रमों की तुलना में सोशल मीडिया पर आ रहे कार्यक्रम अधिक विश्वसनीय होते हैं।

उन्होंने कहा कि करीब चार महीने पहले सोशल मीडिया पर प्रसारित उनके एक साक्षात्कार को नौ करोड़ से अधिक लोगों ने देखा। इससे स्पष्ट है कि सोशल मीडिया का दायरा कितना व्यापक होता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मीडिया को जितना खतरा बाहर से हो सकता है, उससे ज्यादा खतरा उसकाे अपने अंदर से है। उन्होंने कहा कि अति महत्वाकांक्षा, लालच और भय यदि प्रेस में आ जाये, तो दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियां उत्पन्न होती हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक मीडिया में टीआरपी बटोरने का भी खेल होता है।

श्री सिंघवी ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि भारत पत्रकारों की सुरक्षा इंडनेक्स में 180 देशों में से 172 वें स्थान पर है। यह स्थिति बुरी और चिंतापूर्ण है।

कार्यक्रम में भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा कि आज देश में मीडिया के एक बड़े हिस्से में एंकर पार्टी प्रवक्ता से अधिक निष्ठावान प्रतीत होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 180 देशों में से भारत का स्थान 159 वां स्थान है। दुनिया के महानतम लोकतंत्र में प्रेस की यह स्थिति काफी चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग में उनके कार्यकाल में शुरू की गयी इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट यूनिट में अब तक 134 देशों के चुनाव आयुक्त प्रशिक्षण ले चुके हैं जो देश के लिये बड़े गौरव की बात है।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद धर्मेन्द्र यादव ने इस मौके पर कहा कि प्रेस को संस्थाओं के कामकाज की समीक्षा करने का अधिकार है, लेकिन दुर्भाग्य से 2014 के बाद अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति है। प्रेस पर दबाव बनाने के जितने हथकंडे हो सकते हैं, सरकार की ओर अपनाये जा रहे हैं।

श्री यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव कहा करते थे कि मीडिया में अपनी आलोचनायें सुनकर-देखकर अपने में सुधार करो, अपनी कमियों को दूर करो। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत अब मीडिया की जुबान बंद करने के कानून बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। मीडिया की जुबान बंद कर देने से वह अपना काम कैसे कर पायेगी। उन्होंने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता के लिये उनकी पार्टी संघर्ष जारी रखेगी। वह अपनी पार्टी की तरफ से आश्वस्त करते हैं कि मीँडिया की स्वतंत्रता और संविधान बचाने के लिये उनकी पार्टी काम करती रहेगी।

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