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सूडान संकट : सेना का दावा – अर्धसैनिक बलों के खिलाफ मिली बड़ी कामयाबी

खार्तूम। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) ने दावा किया है कि उसने विभिन्न मोर्चों पर अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।

राजधानी खार्तूम के उत्तर में बहरी शहर की लड़ाई में, एसएएफ ने आरएसएफ के अंतिम गढ़, काफौरी क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया।

एसएएफ ने अपने फेसबुक पेज पर एक बयान में कहा, “एसएएफ के विशेष बल लगातार आगे बढ़ रहे हैं … काफौरी में सफल, गहन अभियानों के बाद, मिलिशिया बलों के क्षेत्र को साफ कर रहे हैं।”

काफौरी क्षेत्र पर कब्जा करना सेना के अभियान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

काफौरी आरएसएफ के लिए एक प्रमुख गढ़ था। इसका इस्तेमाल ओमदुरमान में सेना के कब्जे वाले इलाकों पर तोपखाने से हमला करने के लिए किया जा रहा था।

एसएएफ ने यह ऐलान भी किया कि उसने उत्तरी कोर्डोफन राज्य के अल-राहद शहर पर नियंत्रण कर लिया है।

अल-राहद राज्य का दूसरा शहर है जिस पर सेना ने फिर से कब्जा कर लिया है। इससे पहले 30 जनवरी को राज्य के दूसरे सबसे बड़े शहर उम रुवाबा को सेना ने नियंत्रण में ले लिया था।

अल-राहद उत्तरी कोर्डोफन राज्य की राजधानी एल ओबेद से लगभग 30 किमी पश्चिम में स्थित है। प्रमुख सड़कों के चौराहे पर स्थित होने के कारण यह शहर रणनीतिक महत्व रखता है। यह सूडान की रेलवे लाइन पर एक बड़ा स्टेशन भी है, जो देश के पश्चिमी हिस्से को पूर्वी और मध्य क्षेत्रों से जोड़ता है।

आरएसएफ जनवरी से मध्य सूडान के कई क्षेत्रों से पीछे हट रहा है। उसने गीजीरा और सिन्नर राज्यों में रणनीतिक क्षेत्रों पर नियंत्रण खोया है।

आरएसएफ ने खार्तूम में भी प्रमुख इलाकों को खो दिया है, जिसमें अल-जैली क्षेत्र में तेल रिफाइनरी भी शामिल है।

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, अप्रैल 2023 के मध्य से सूडान एसएएफ और आरएसएफ के बीच विनाशकारी संघर्ष की चपेट में है, जिसमें 29,680 से अधिक लोगों की जान चली गई है।

–आईएएनएस

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