सुप्रीम कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर की जमानत रद्द करने की मांग का निस्तारण किया
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपित भाजपा नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका का निस्तारण कर दिया है। जस्टिस बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले पर ट्रायल कोर्ट फैसला सुरक्षित रख चुका है, इसलिए अब इस याचिका पर सुनवाई का कोई मतलब नहीं है।
दरअसल, याचिकाकर्ता निसार ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर गंभीर आरोप के बावजूद स्वास्थ्य कारणों की वजह से जमानत देने का विरोध किया है। मालेगांव में 29 सितंबर 2008 में विस्फोट हुआ था। इसमें 8 लोग मारे गए थे जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस घटना की जांच महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस ने की थी। इसके बाद यह मामला जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया था।
प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी भी एटीएस ने की थी। प्रज्ञा ठाकुर लगभग नौ साल से जेल में थी। प्रज्ञा ठाकुर पर कथित तौर पर ब्लास्ट की प्लानिंग करने और ब्लास्ट के लिए इस्तेमाल की गई बाइक उपलब्ध कराने का आरोप है।