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सुप्रीम कोर्ट ने मानिटरिंग कमेटी को इनकम टैक्स नोटिस पर जताई नाराजगी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अवैध निर्माण को लेकर गठित मानिटरिंग कमेटी को इनकम टैक्स नोटिस भेजने पर नाराजगी जताई है। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने इनकम टैक्स का नोटिस भेजने का फैसला लेने वाले इनकम टैक्स अफसर को समन जारी कर कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान इस मामले के एमिकस क्यूरी और वरिष्ठ वकील गुरु कृष्ण कुमार ने कोर्ट को बताया कि मानिटरिंग कमेटी को इनकम टैक्स विभाग ने तीन बार नोटिस भेजा है। मानिटरिंग कमेटी ने इनकम टैक्स विभाग को सूचित किया था कि उसे आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करना चाहिए, क्योंकि एकत्र किए गए धन को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को भेजा जाता है। उसके बावजूद इनकम टैक्स विभाग ने मानिटरिंग कमेटी को नोटिस भेजा। मानिटरिंग कमेटी ने कहा कि स्थायी डी-सीलिंग के प्रोसेसिंग फीस के रूप में उसे ब्याज समेत कुल 23.10 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। ये राशि समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर भी की गई है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2006 को निर्वाचन आयोग के पूर्व सलाहकार केजे राव, ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल और मेजर जनरल (रिटायर्ड) सोमन झिंगोन की तीन सदस्यीय मानिटरिंग कमेटी का गठन किया था। ये कमेटी कोर्ट के आदेशों के मुताबिक उसका अनुपालन करते हुए उल्लंघन करने वाले परिसरों को सील करती है।

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